प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार सुबह अरुणाचल प्रदेश पहुंचे। यहां ईटानगर में उन्होंने डोनी पोलो हवाई अड्डे का उद्घाटन किया। यह राज्य का पहला ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा है। इसके अलावा पीएम ने 600 मेगावाट का मेंग जलविद्युत स्टेशन भी राष्ट्र को समर्पित किया।
किरेन रिजिजू ने कहा मेरा सपना हुआ पूरा
इस दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि हमारा सपना था कि हमारे प्रदेश की राजधानी में एयरपोर्ट बने। आज पीएम मोदी के प्रयास से वह सपना साकार हो गया है। उन्होंने इस हवाई अड्डे के निर्माण के लिए विशेष दिशा-निर्देश दिए थे।
इसके बाद ईटानगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आप जानते हैं कि हम एक कार्य संस्कृति लेकर आए हैं, जहां जिन परियोजनाओं का हमने शिलान्यास किया है, उनका उद्घाटन करते हैं। अटकाना, लटकाना, भटकाना का युग चला गया है।
पीएम मोदी ने कहा कि मैं जब भी अरुणाचल आता हूं, एक नई उमंग, ऊर्जा और नया उत्साह लेकर जाता हूं। अरुणाचल के लोगों के चेहरे पर कभी भी उदासीनता और निराशा नहीं झलकती है, अनुशासन क्या होता है? ये यहां हर व्यक्ति और घर में नजर आता है।
लटकाने और भटकाने वाला समय गया
उन्होंने कहा कि फरवरी 2019 में इस एयरपोर्ट का शिलान्यास हुआ था और ये सौभाग्य मुझे मिला था। हम ऐसा वर्क कल्चर लाए हैं, जिसका शिलान्यास हम करते हैं, उसका उद्घाटन भी हम करते हैं। अटकाना, लटकाना और भटकाना वह समय चला गया। कल्चर हो या एग्रीकल्चर, कॉमर्स हो या कनेक्टिविटी, पूर्वोत्तर को आखिरी नहीं बल्कि सर्वोच्च प्राथमिकता मिलती है।
मोदी ने कहा हम 365 दिन, चौबीसों घंटे, देश के विकास के लिए काम करते हैं
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब मैंने 2019 में इसका शिलान्यास किया, तब चुनाव होने वाले थे। राजनीतिक टिप्पणीकारों ने शोर मचाया कि हवाई अड्डा नहीं बनने जा रहा है और मोदी मतदान के कारण पत्थर खड़ा कर रहे हैं। आज का उद्घाटन उनके मुंह पर तमाचा है। पीएम मोदी ने कहा कि आज देश में जो सरकार है, उसकी प्राथमिकता देश का विकास है, देश के लोगों का विकास है। साल में 365 दिन, चौबीसों घंटे, हम देश के विकास के लिए ही काम करते हैं।
प्रधानमंत्री ने बताया कि आजादी के बाद पूर्वोत्तर एक अलग युग का गवाह बना। दशकों तक क्षेत्र उपेक्षा का शिकार रहा। जब अटल जी की सरकार आई तो पहली बार इसे बदलने का प्रयास किया गया। यह पहली सरकार थी जिसने पूर्वोत्तर के विकास के लिए एक अलग मंत्रालय बनाया। हमारी सरकार ने भी इन्हें आखिरी गांव, आखिरी छोर नहीं बल्कि देश का प्रथम गांव मानकर काम किया।