भारत में कोरोना वायरस (कोविड 19) संकट से निपटने के लिये जारी संघर्ष के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग से चर्चा की । प्रधानमंत्री ने इस दौरान मुख्य रूप से मुख्यमंत्रियों से उनकी राय ली कि संक्रमण को रोकने के लिये 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन को 14 अप्रैल से आगे बढ़ाया जाए या नहीं ।
बैठक में शामिल मुख्यमंत्रियों में पंजाब के कैप्टन अमरिंदर सिंह, पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के उद्धव ठाकरे, उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ, हरियाणा के मनोहर लाल, तेलंगाना के के चंद्रशेखर राव, बिहार के नीतीश कुमार आदि शमिल रहे। बैठक में प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि केंद्र सरकार सभी राज्यों के साथ है। मोदी ने कहा कि “मैं 24×7 उपलब्ध हूं। कोरोना वायरस पर कोई भी मुख्यमंत्री किसी भी समय मुझे कोई सुझाव दे सकते हैं। हमें इस मुद्दे पर कंधे से कंधा मिलाकर चलना होगा।”
इस बैठक में सीएम योगी सहित 10 मुख्यमंत्रियों ने भी देश में लॉकडाउन को बढ़ाए जाने का सुझाव दिया। प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्रियों की बातचीत में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ाने का सुझाव दिया। केजरीवाल ने कहा कि लॉकडाउन बढ़ाए जाने का फैसला राष्ट्रीय स्तर पर होना चाहिए ताकि जनता इस मुद्दे को गंभीरता से लें। सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल का मानना है कि 14 अप्रैल तक के लिए लागू 21 दिवसीय बंद की अवधि केवल दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे देश में बढ़ाई जानी चाहिए। केजरीवाल ने प्रधानमंत्री के साथ बातचीत में कहा, ‘‘केवल दिल्ली में बंद की अवधि बढ़ाने से कोई फायदा नहीं होगा।’’
वहीं पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी प्रधानमंत्री से कम से कम दो सप्ताह तक लॉक डाउन बढ़ाने की सिफारिश की। उन्होंने रैपिड टेस्टिंग किट की तेज आपूर्ति के लिए भी प्रधानमंत्री से मांग की। बैठक में सिंह ने मोदी को लॉकडाउन को बढ़ाने का सुझाव दिया साथ ही साथ पंजाब के लोगों के लिए स्वास्थ्य और राहत संबंधी कई उपाय भी सुझाए। उन्होंने कहा कि संक्रमण के मामलों की दर अभी अनिश्चित है और देश को इससे पार पाने की लंबी लड़ाई लड़नी है। चीन और कई यूरोपीय देशों की हालत को देखते हुए लॉकडाउन बढ़ाने की जरूरत है।
उन्होंने बैठक में बताया कि पंजाब सरकार ने एक मई तक कर्फ्यू लगाने अथवा पूरी तरह लॉकडाउन लागू करने का पहले ही निर्णय ले लिया है। सभी शिक्षण संस्थान 30 जून तक बंद रहेंगे। उन्होंने बताया कि राज्य की बोर्ड परीक्षाएं भी अगले आदेश तक के लिए टाल दी गईं हैं।
माना जाता है कि केंद्र सरकार ने इस महामारी को फैलने से रोकने के प्रयासों में शामिल सभी पक्षकारों और संबंधित एजेंसियों के विचार प्राप्त कर लिए हैं। प्रधानमंत्री के साथ राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक सुबह 11 बजे शुरू हुई। ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि केंद्र सरकार कुछ छूट के साथ देशव्यापी लॉकडाउन को बढ़ा सकती है। पंजाब और ओडिशा 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन को आगे बढ़ाने का पहले ही फैसला कर चुका है।
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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों से विभिन्न पहलुओं को लेकर विचार मांगे हैं जिसमें यह पूछा गया है कि क्या कुछ अन्य श्रेणियों के लोगों और सेवाओं को छूट दिये जाने की जरूरत है। वर्तमान लॉकडाउन में केवल आवश्यक सेवाओं को छूट दी गई है ।लॉकडाउन लागू होने के बाद यह दूसरा अवसर है जब प्रधानमंत्री इस विषय पर मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संवाद करेंगे।