प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जन औषधि दिवस के अवसर पर शनिवार को भारतीय जन औषधि परियोजना के लाभार्थियों से बातचीत की। प्रधानमंत्री ने लोगों से कहा कि जन औषधि दिवस सिर्फ एक योजना को मनाने का दिन नहीं है बल्कि उन करोड़ों भारतीयों, लाखों परिवारों के साथ जुड़ने का प्रसंग है, जिन्हें इसका लाभ मिला है।
जन औषधि केंद्र चलाने वाले चिकित्सकों को दी बधाई और लाभार्थियों से की अपील
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा कि “आज के इस कार्यक्रम में जन औषधि केंद्र चलाने वाले नए साथी भी जुड़े हैं, मैं इन सभी साथियों को बधाई देता हूं, क्योंकि आप बहुत प्रशंसनीय काम कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि आपके इस काम को पहचान दिलाने के लिए सरकार ने इस योजना से जुड़े पुरस्कारों की शुरुआत करने का भी फैसला लिया है। प्रधानमंत्री ने जनऔषधि परियोजना के बारे में कहा कि जैसे जैसे ये नेटवर्क बढ़ रहा है, वैसे ही इसका लाभ भी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच रहा है। आज हर महीने 1 करोड़ से अधिक परिवार इन जन औषधि केंद्रों के माध्यम से बहुत सस्ती दवाइयां ले रहे हैं।
विशेष परिस्थितियों को छोड़कर डॉक्टर जेनेरिक दवाएं ही लिखें
उन्होंने चिकित्सकों से अपील करते हुए कहा कि कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़कर डॉक्टर जेनेरिक दवाएं ही लिखें, ये सुनिश्चित करना जरुरी है। मेरा आप सभी लाभार्थियों से भी निवेदन रहेगा कि अपने अनुभवों को अधिक से अधिक साझा करें। इससे जनऔषधि का लाभ ज्यादा मरीजों तक पहुंच सकेगा। उन्होंने कहा कि आपका हौंसला ही आपका सबसे बड़ा भगवान है। आपने अपनी हिम्मत से ही बीमारियों को परास्त किया है। आपके इसी हौंसले में इतनी गंभीर बीमारियों से बाहर निकलने में आपकी सहायता की है।
जम्मू कश्मीर और लद्दाख में योजनाओं को लागू करने में आई तेजी
जम्मू- कश्मीर के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख में जो नई व्यवस्थाएं बनी हैं, उससे योजनाओं को लागू करने में तेजी आई है। पहले केंद्र की योजनाओं को वहां लागू कर पाना बहुत मुश्किल होता था, अब ये अड़चनें हट गई हैं। बीते डेढ़ साल में जम्मू कश्मीर में अभूतपूर्व तेजी से विकास का काम चल रहा है। 3.5 लाख से ज्यादा साथियों को आयुष्मान योजना से जोड़ा गया है, 3 लाख बुजुर्गों, महिलाओं और दिव्यांगजनों को सरकार की पेंशन योजना से जोड़ा गया है।
भारतवासी के स्वास्थ्य के लिए 4 सूत्रों पर कर रहे काम
पीएम मोदी ने कहा कि हर भारतवासी के स्वास्थ्य के लिए हम 4 सूत्रों पर काम कर रहे हैं। पहला हर भारतीय को बीमार होने से बचाने के लिए क्या क्या किया जाए। दूसरा अगर कोई बीमार हो भी गया, तो उसे सस्ता और अच्छा कैसे मिले। तीसरा इलाज के लिए बेहतर और आधुनिक अस्पताल हों, निपुण डॉक्टर व अन्य स्टाफ हो और आखिरी मिशन मोड पर काम करके चुनौतियों को समझना और उनका समाधान करना। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना इसी की एक कड़ी है।
हाथ मिलाने से बचें और एक बार फिर नमस्ते करना शुरू करें
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर देश में फैल चुके कोरोना वायरस को लेकर भी चर्चा की। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि मैं लोगों से निवेदन करता हूं कि “कोरोनोवायरस पर क्या करना है और क्या नहीं करना है, इस पर फैल रहे अफवाहों पर विश्वास न करें।” उन्होंने कहा कि आपके मन में जो भी संदेह है, कृपया अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया नमस्ते की आदत डाल रही है। उन्होंने कहा ,”अगर किसी कारण से हमने ये आदत छोड़ दी है तो हाथ मिलाने की बजाय इस आदत को फिर से डालने का ये उचित समय है।”
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना से गरीबों को सस्ती दवाइयां उपलब्ध हो रही है। देशभर में 6,200 जन औषधि केंद्र क्रियाशील है जिनमें 900 प्रकार की दवाइयां और 154 सर्जिकल उपकरण उपलब्ध है। देशभर के 700 जिलों के उपभोक्ताओं को 50% से 90% तक की बचत हो रही है।