प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कृषि क्षेत्र में बजट के प्रावधानों को लेकर वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्रीय बजट का पूरा लक्ष्य कृषि को आधुनिक और उन्नत बनाने पर है। प्रधानमंत्री ने कृषि को आधुनिक और स्मार्ट बनाने के लिए बजट सुझाए गए 7 उपाए का भी जिक्र किया। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 7 सालों में हमने बीज से बाज़ार तक अनेक नई व्यवस्थाएं तैयार की हैं, पुरानी व्यवस्थाओं में सुधार किया है। सिर्फ 6 सालों में कृषि बजट कई गुना बढ़ा है। किसानों के लिए कृषि लोन में भी 7 सालों में ढाई गुना की बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने कहा कि ऑर्गेनिक खेती को प्रोत्साहन देने के कारण आज ऑर्गेनिक प्रोडक्ट का बाज़ार भी अब 11 हजार करोड़ का हो चुका है। इसका निर्यात भी 6 वर्षों में 2 हज़ार करोड़ से बढ़कर 7 हज़ार करोड़ हो रहा है।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस बदल देगी 21वीं सदी में खेती और खेती से जुड़े ट्रेड
प्रधानमंत्री ने कहा, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस 21वीं सदी में खेती और खेती से जुड़े ट्रेड को बिल्कुल बदलने वाली है। किसान ड्रोन्स का देश की खेती में अधिक से अधिक उपयोग इसी बदलाव का हिस्सा है। ड्रोन टेक्नॉलॉजी एक स्केल पर तभी उपलब्ध हो पाएगी जब हम एग्री स्टार्टअप्स को प्रमोट करेंगे।
हाल ही में भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच हुए कई मुक्त व्यापार समझौते पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने कुछ दिन पहले यूएई के साथ कई महत्वपूर्ण समझौते किए हैं, इसमें फूड प्रोसेसिंग में सहयोग बढ़ाने के लिए भी कई अहम फैसले लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पराली का प्रबंधन किया जाना जरूरी है। इसके लिए इस बजट में कुछ नए उपाय किए गए हैं जिससे कार्बन एमीशन भी कम होगा और किसानों की आय भी होगी।
कृषि क्षेत्र में इन्नोवेशन और पैकेजिंग पर ज्यादा ध्यान देने को जरूरत
पीएम मोदी ने कहा कि कृषि क्षेत्र में इन्नोवेशन और पैकेजिंग दो ऐसे क्षेत्र हैं, जिन पर और ज्यादा ध्यान दिए जाने की जरूरत है। फलों की पैकेजिंग में हमारे कॉर्पोरेट हाउस और एग्री स्टार्टअप्स को बड़ी संख्या में आगे आना चाहिए। वो इसमें किसानों की मदद करें और इस दिशा में अपनी योजनाएं बनाएं।
उन्होंने कहा कि फलों के जूस की पैकेजिंग का बहुत महत्व है, ऐसी पैकेजिंग जिससे प्रोडक्ट की आयु लंबी हो। इस ओर काम किए जाने की आवश्यकता है क्योंकि हमारे यहां इतनी विविधता वाले फल होते हैं। हमें बाहर की नकल करने की बजाए भारत के प्राकृतिक जूसों को प्रमोट करना चाहिए।
कृषि के लिए आगे आए कॉरपोरेट जगत
पीएम ने कहा कि हमारे कॉरपोरेट जगत को ऐसी व्यवस्थाएं बनाने के लिए आगे आना चाहिए जिसमें खेती से जुड़े उपकरणों को किराए पर देने की सुविधा हो। हमारी सरकार किसानों को अन्नदाता के साथ ही ऊर्जादाता बनाने के लिए बड़ा अभियान चला रही है, देशभर के किसानों को सोलर पंप वितरित किए जा रहे हैं।
कृषि को आधुनिक और स्मार्ट बनाने के 7 उपाए
पहला- गंगा के दोनों किनारों पर 5 कि.मी. के दायरे में नेचुरल फार्मिंग को मिशन मोड पर कराने का लक्ष्य है।
दूसरा- एग्रीकल्चर और हॉर्टीकल्चर में आधुनिक टेक्नॉलॉजी किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी।
तीसरा- खाद्य तेल के इंपोर्ट को कम करने के लिए मिशन ऑयल पाम को सशक्त करने पर बल दिया गया है।
चौथा - खेती से जुड़े उत्पादों के ट्रांसपोर्टेशन के लिए पीएम गति-शक्ति प्लान द्वारा लॉजिस्टिक्स की नई व्यवस्थाएं बनाई जाएंगी।
पांचवां - एग्री-वेस्ट मेनेजमेंट को अधिक organize किया जाएगा, वेस्ट टू एनर्जी के उपायों से किसानों की आय बढ़ाई जाएगी।
छठा -देश के डेढ़ लाख से भी ज्यादा पोस्ट ऑफिस में रेगुलर बैंकों जैसी सुविधाएं मिलेंगी, ताकि किसानों को परेशानी ना हो।
सातवां - एग्री रिसर्च और एजुकेशन से जुड़े सिलेबस में skill development, human resource development में आज के आधुनिक समय के अनुसार बदलाव किया जाएगा।