प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा कि गलवान घाटी में नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ चल रहे तनाव को भारत मित्रता से निभाना जानता है लेकिन यदि कोई उसकी भूमि पर आंख उठाकर देखता है तो इसका उचित जवाब देना भी जानता है। आकाशवाणी पर मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात 2.0’ की 13वीं कड़ी में प्रधानमंत्री ने गलवान घाटी में शहीद हुए भारतीय सपूतों को याद करते हुए देश को आश्वस्त किया कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘अपनी सीमाओं और संप्रभुता की रक्षा के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दुनिया ने देखा है। भारत मित्रता निभाना जानता है लेकिन भारत की भूमि पर आंख उठाकर देखने वालों को आंख में आंख डालकर देखना और उचित जवाब देना भी जानता है।’’
मोदी ने कहा, ‘‘हमारे वीर सैनिकों ने दिखा दिया कि वे कभी भी मां भारती के गौरव को आंच नहीं आने देंगे। लद्दाख में हमारे जो भी जवान शहीद हुए, उनके शौर्य को पूरा देश नमन कर रहा है। पूरा देश उनका कृतज्ञ है। उनके सामने पूरा देश नतमस्तक है।
मोदी ने कहा, ‘‘हमारे वीर सैनिकों ने दिखा दिया कि वे कभी भी मां भारती के गौरव को आंच नहीं आने देंगे। लद्दाख में हमारे जो भी जवान शहीद हुए, उनके शौर्य को पूरा देश नमन कर रहा है। पूरा देश उनका कृतज्ञ है। उनके सामने पूरा देश नतमस्तक है।
Covid-19 : देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 19,906 नए मामले और 410 लोगों ने गंवाई जान
हर भारतीय उन्हें खोने का दर्द भी अनुभव कर रहा है।’’
कोविड-19 महामारी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश जहां एक तरफ मजबूती से इस संकट का सामना कर रहा है, वहीं दूसरी ओर ‘‘कुछ पड़ोसियों’’ द्वारा पेश की गई चुनौतियों से भी निपट रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘अब से छह-सात महीने पहले हम कहां जानते थे कि कोरोना जैसा संकट आएगा और इसके खिलाफ यह लड़ाई इतनी लंबी चलेगी। यह संकट तो बना ही हुआ है, ऊपर से देश में नित नई चुनौतियां सामने आती जा रही हैं।’’
कोविड-19 महामारी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश जहां एक तरफ मजबूती से इस संकट का सामना कर रहा है, वहीं दूसरी ओर ‘‘कुछ पड़ोसियों’’ द्वारा पेश की गई चुनौतियों से भी निपट रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘अब से छह-सात महीने पहले हम कहां जानते थे कि कोरोना जैसा संकट आएगा और इसके खिलाफ यह लड़ाई इतनी लंबी चलेगी। यह संकट तो बना ही हुआ है, ऊपर से देश में नित नई चुनौतियां सामने आती जा रही हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने हमेशा, संकटों को सफलता की सीढ़ियों में परिवर्तित किया है। इसी भावना के साथ हमें आज भी आगे बढ़ते ही रहना है। आप भी इसी विचार से आगे बढ़ेंगे, 130 करोड़ देशवासी आगे बढ़ेंगे तो यही साल देश के लिए नए कीर्तिमान बनाने वाला साल साबित होगा। इसी साल में, देश, नए लक्ष्य प्राप्त करेगा, नयी उड़ान भरेगा, नयी ऊंचाइयों को छुएगा। मुझे, पूरा विश्वास, 130 करोड़ देशवासियों की शक्ति पर है, आप सब पर है, इस देश की महान परम्परा पर है।’’प्रधानमंत्री ने कहा कि वाकई, एक-साथ इनती आपदाएं, इस स्तर की आपदाएं, बहुत कम ही देखने-सुनने को मिलती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हालत तो ये हो गयी है, कि, कोई छोटी-छोटी घटना भी हो रही है, तो, लोग उन्हें भी इन चुनौतियों के साथ जोड़कर के देख रहें हैं।’’आपदाओं और अन्य चुनौतियों को लेकर आम जनमानस के बीच चल रही चर्चा का विस्तार से जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि एक साल में एक चुनौती आए या पचास चुनौतियां आएं, नंबर कम-ज्यादा होने से कोई साल ख़राब नहीं हो जाता।
मोदी ने कोरोना वायरस संकट के दौरान भारत की वैश्विक भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि संकट चाहे जितना भी बड़ा हो, भारत के संस्कार, नि:स्वार्थ भाव से सेवा की प्रेरणा देते हैं।उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने जिस तरह मुश्किल समय में दुनिया की मदद की, उसने आज, शांति और विकास में भारत की भूमिका को और मज़बूत किया है। दुनिया ने इस दौरान भारत की विश्व बंधुत्व की भावना को भी महसूस किया है।’’