आज देश अपना 71वां संविधान दिवस मना रहा है। ऐसे में देश के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस पर एक आयोजित कार्यक्रम में कहा कि संविधान के लिए समर्पित सरकार, विकास में भेद नहीं करती और ये हमने करके दिखाया है।
अलग-अलग जिम्मेदारियां, काम करने के तरीके भी अलग-अलग हो सकते हैं
पीएम मोदी ने दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि सुबह मैं विधायिका और कार्यपालिका के साथियों के साथ था, और अब न्यायपालिका से जुड़े आप सभी विद्वानों के बीच हूं। हम सभी की अलग-अलग भूमिकाएं, अलग-अलग जिम्मेदारियां, काम करने के तरीके भी अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन हमारी आस्था, प्रेरणा और ऊर्जा का स्रोत एक ही है। पीएम मोदी ने आज सुबह संसद के सेंट्रल भवन में संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया था।
संविधान की वजह से ही ये दोनों अस्तित्व में आए हैं
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार और न्यायपालिका, दोनों का ही जन्म संविधान की कोख से हुआ है. इसलिए, दोनों ही जुड़वां संतानें हैं। संविधान की वजह से ही ये दोनों अस्तित्व में आए हैं। इसलिए, व्यापक दृष्टिकोण से देखें तो अलग-अलग होने के बाद भी दोनों एक दूसरे के पूरक हैं।
सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास-सबका प्रयास
पीएम ने कहा कि आजादी के लिए जीने-मरने वाले लोगों ने जो सपने देखे थे, उन सपनों के प्रकाश में, और हजारों साल की भारत की महान परंपरा को संजोए हुए, हमारे संविधान निर्माताओं ने हमें संविधान दिया। उन्होंने कहा, ”सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास-सबका प्रयास, ये संविधान की भावना का सबसे सशक्त प्रकटीकरण है। संविधान के लिए समर्पित सरकार, विकास में भेद नहीं करती और ये हमने करके दिखाया है।’
कई महीनों से 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त अनाज सुनिश्चचित किया जा रहा है
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज गरीब से गरीब को भी क्वालिटी इंफ्रास्ट्रक्चर तक वही एक्सेस मिल रहा है, जो कभी साधन संपन्न लोगों तक सीमित था। आज लद्दाख, अंडमान और नॉर्थ ईस्ट के विकास पर देश का उतना ही फोकस है, जितना दिल्ली और मुंबई जैसे मेट्रो शहरों पर है।
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पीएम ने कहा कि कोरोना काल में पिछले कई महीनों से 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त अनाज सुनिश्चचित किया जा रहा है। PM गरीब कल्याण अन्न योजना पर सरकार 2 लाख 60 हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च करके गरीबों को मुफ्त अनाज दे रही है।अभी कल ही हमने इस योजना को अगले वर्ष मार्च तक के लिए बढ़ा दिया है।
इसका मतलब यह नहीं है कि उपनिवेशवादी मानसिकता समाप्त हो गई है
उन्होंने कहा, ”आज पूरे विश्व में कोई भी देश ऐसा नहीं है जो प्रकट रूप से किसी अन्य देश के उपनिवेश के रूप में Exist करता है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उपनिवेशवादी मानसिकता समाप्त हो गई है। हम देख रहे हैं कि यह मानसिकता अनेक विकृतियों को जन्म दे रही है।”
ये कोलोनियल माइंडसेट बहुत बड़ी बाधा है- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि इसका सबसे स्पष्ट उदाहरण हमें विकासशील देशों की विकास यात्राओं में आ रही बाधाओं में दिखाई देता है। जिन साधनों से, जिन मार्गों पर चलते हुए, विकसित विश्व आज के मुकाम पर पहुंचा है, आज वही साधन, वही मार्ग, विकासशील देशों के लिए बंद करने के प्रयास किए जाते हैं।
पीएम ने आगे कहा, ”आजादी के आंदोलन में जो संकल्पशक्ति पैदा हुई, उसे और अधिक मजबूत करने में ये कोलोनियल माइंडसेट बहुत बड़ी बाधा है। हमें इसे दूर करना ही होगा। और इसके लिए, हमारी सबसे बड़ी शक्ति, हमारा सबसे बड़ा प्रेरणा स्रोत, हमारा संविधान ही है।”