नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश में इस्कॉन मंदिर में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिये मंगलवार को खान मार्केट मेट्रो स्टेशन से मेट्रो ट्रेन से यात्रा की और बच्चों संग खेलते नजर आए। उन्होंने शाम को 4 बजकर 25 मिनट पर वायलट लाइन के खान मार्किट स्टेशन से मेट्रो में सवार हुए और चार बजकर 38 मिनट पर नेहरू प्लेस मेट्रो स्टेशन पर उतरे।
मोदी इस्कॉन मंदिर में एक विशाल भगवत गीता का अनावरण किया। ये भगवद्गीता 670 पन्नों की इस पवित्र पुस्तक का वजन 800 किलोग्राम है। मोदी ने गीता का लोकार्पण करते हुए कहा कि यह महान ग्रंथ दुनिया के लिए भारत का सबसे बड़ा उपहार है। सबको न्याय मिले और सभी वर्गों का हित हो, भगवत गीता के इस संदेश के साथ उनकी सरकार जनता के हित में फैसले लेती रही है।
उन्होंने कहा कि गीता धर्मग्रंथ ही नहीं जीवन ग्रंथ भी है और इसमें दुष्ट आत्माओं को दंडित करने का संदेश है। यह महान ग्रंथ शांति का संदेश देता है और सबको लोकहित में काम करने के लिए प्रेरित करता है। इस महान ग्रंथ पर लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने ‘गीता रहस्य’ नाम से पुस्तक लखी थी और उसी का गुजराती अनुवाद पढकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सरल भाषा में गीता का संदेश देते हुए एक और पुस्तक लिखी थी जिसकी प्रति उन्होंने (श्री मोदी) अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को भेंट की थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय प्राचीन ज्ञान जितना प्रचुर है उस रूप में वह अभी दुनिया के सामने आना बाकी है और इसे सबके सामने लाया जाना चाहिए। इससे भारत के प्राचीन दिव्य ज्ञान में दुनिया की रुचि और बढेगी और विश्व में शांति का मार्ग और प्रसस्त होगा। श्री मोदी इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मेट्रो से गये थे। इस्कॉन मंदिर पहुंचकर उन्होंने विश्व इस सबसे बड़ ग्रंथ के पन्ने भी पलटे और कहा कि भगवान कृष्ण की इस अमर वाणी को छोटी से छोटी गीता से दुनिया की सबसे बड़ गीता के माध्यम से दिया जा रहा है।