माननीय राष्ट्रपति जी को माननीय हरिवंश जी ने जो पत्र लिखा, उसे मैंने पढ़ा। पत्र के एक-एक शब्द ने लोकतंत्र के प्रति हमारी आस्था को नया विश्वास दिया है। यह पत्र प्रेरक भी है और प्रशंसनीय भी। इसमें सच्चाई भी है और संवेदनाएं भी। मेरा आग्रह है, सभी देशवासी इसे जरूर पढ़ें। pic.twitter.com/K9uLy53xIB
— Narendra Modi (@narendramodi) September 22, 2020
अगले ही दिन ‘‘अमर्यादित व्यवहार’’ के कारण विपक्षी दलों के आठ सदस्यों को शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया जिसके विरोध में आठों निलंबित सदस्य संसद भवन परिसर में ही ‘‘अनिश्चितकालीन’’ धरने पर बैठ गए। राष्ट्रपति को लिखे पत्र में हरिवंश ने विपक्षी सदस्यों के कथित आपत्तिजनक आचरण पर गहरी पीड़ा जताई है और घोषणा की कि वह 24 घंटे का उपवास करेंगे। पत्र में उन्होंने उम्मीद जतायी कि इससे ‘‘आपत्तिजनक आचरण करने वाले सदस्यों‘‘ में ‘‘आत्म-शुद्धि’’ का भाव जागृत होगा।