प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकेट मीरजियोयेव के साथ हो रहे ऑनलाइन शिखर सम्मेलन में कहा कि भारत और उज्बेकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से एक साथ खड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर हमारे एक जैसे विचार हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हम विकास के लिए उज्बेकिस्तान के साथ साझेदारी को और मजबूत करना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे बीच कृषि संबंध ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप की स्थापना एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक कदम है। इससे हम अपने कृषि व्यापार को बढ़ाने के अवसर खोज सकते हैं, जिससे दोनों देशों के किसानों को लाभ होगा। दोनों देशों की रिश्तों में मजबूती को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर, आईटी, शिक्षा, स्वास्थ्य, ट्रेनिंग और कैपिसिटी बिल्डिंग जैसे क्षेत्रों में भारत की काफी काबिलियत है। जो उज्बेकिस्तान के काम आ सकती है।
उन्होंने कहा कि उग्रवाद, कट्टरवाद और अलगाववाद के बारे में हमारी एक जैसी चिंताएं हैं। हम दोनों ही आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता से एक साथ खड़े हैं, क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर भी हमारा एक जैसा नजरिया है। उन्होंने कहा कि भारत और उज्बेकिस्तान दो समृद्ध सभ्यताएं हैं, प्राचीन समय से ही निरंतर हमारे आपसी संपर्क रहे हैं। हमारे क्षेत्र की चुनौतियों और अवसर के बारे में हमारी समझ और अप्रोच में बहुत समानता है और इसलिए हमारे संबंध हमेशा से बहुत मजबूत रहे हैं।
मोदी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी भी मजबूत हुई है और भारत, उज्बेकिस्तान के साथ विकास की भागीदारी को भी और घनिष्ट बनाना चाहता है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि भारतीय ‘‘लाइन ऑफ क्रेडिट’’ के अंतर्गत कई परियोजनाओं पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘उज्बेकिस्तान की विकास प्राथमिकताओं के अनुसार हम भारत की विशेषज्ञता और अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं। अवसंरचना, सूचना और प्रौद्योगिकी, शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में भारत में काफी काबिलियत है, जो उज्बेकिस्तान के काम आ सकती है।’’
भारत और उज्बेकिस्तान के बीच कृषि संबंधित संयुक्त कार्यकारी समूह की स्थापना को प्रधानमंत्री ने एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक कदम बताया और कहा कि इससे दोनों देश अपने कृषि व्यापार बढ़ाने के अवसर खोज सकते हैं जिससे दोनों देशों के किसानों को मदद मिलेंगी l प्रधानमंत्री ने कोविड-19 महामारी के इस समय में दोनों देशों द्वारा एक-दूसरे को किए गए भरपूर सहयोग पर संतोष जताया।