प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस (कोविड-19) को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आयुष पेशेवरों के साथ बातचीत की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि आयुष दवा निर्माता अपने संसाधनों का उपयोग सैनिटाइज़र जैसी आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन के लिए कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने उन्हें टेलीमेडिसिन के मंच का उपयोग करने के लिए जनता तक पहुंचने और महामारी से लड़ने के लिए निरंतर जागरूकता उत्पन्न करने का आह्वान किया। मोदी ने इस दौरान कहा कि “देश को चुनौती को पूरा करने के लिए पूरे स्वास्थ्य सेवा कर्मचारियों का उपयोग करने के लिए तैयार होना चाहिए, और यदि आवश्यकता होती है, तो सरकार द्वारा आयुष से जुड़े निजी डॉक्टरों से मदद मांगी जा सकती है।”
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पीएम ने आयुष के रोग के इलाज और जांच की गणना किया और फैक्ट-चेकिंग के महत्व को रेखांकित किया, जिसमें कहा गया कि आयुष वैज्ञानिकों, आईसीएमआर, सीएसआईआर और अन्य शोध संगठनों को साक्ष्य-आधारित शोध के लिए एक साथ आना होगा। बता दें कोरोना महामारी से उभरने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयासरत है। बीते मंगलवार को मोदी ने देश में 21 दिनों के लॉकडाउन का आह्वान किया था ताकि कोरोना को फैलने से रोका जा सके।