प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आषाढ़ पूर्णिमा पर शनिवार को आयोजित समारोह को वीडियो कांफ्रेन्स से संबोधित करेंगे। संस्कृति मंत्रालय के तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ शनिवार को धम्म चक्र दिवस के रूप में आषाढ़ पूर्णिमा मनाएगा। यह दिवस उत्तर प्रदेश में वाराणसी के निकट सारनाथ में ऋषिपटन स्थित हिरण उद्यान में आज ही के दिन महात्मा बुद्ध द्वारा अपने प्रथम पांच तपस्वी शिष्यों को दिए गए ‘प्रथम उपदेश’ को ध्यान में रखकर मनाया जाता है।
यह दिन दुनिया भर के बौद्धों द्वारा धर्म चक्र प्रवर्तन या ‘धर्म के चक्र के घूमने’ के दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। यह दिन बौद्धों और हिंदुओं दोनों ही के द्वारा अपने-अपने गुरु के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए ‘गुरु पूर्णिमा’ के रूप में भी मनाया जाता है।
भगवान बुद्ध के ज्ञान एवं जागृति, उनके धर्म चक्र के घूमने तथा महापरिनिर्वाण की भूमि होने के नाते भारत ऐतिहासिक विरासत के अनुरूप एक समारोह का आयोजन करेगा जिसका उदघाटन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी इस अवसर पर एक वीडियो संबोधन देंगे। वह भगवान बुद्ध की शांति एवं न्याय के उपदेशों और सचेतन प्राणियों की पीड़ को दूर करने के लिए उनके द्वारा दिखाए गए उच्च अष्टमार्ग का उल्लेख करेंगे। संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल और अल्पसंख्यक कार्य राज्य मंत्री किरेन रिजिजू भी उद्घाटन समारोह को संबोधित करेंगे। इस अवसर पर मंगोलिया के राष्ट्रपति का एक विशेष संबोधन भी पढ़ जाएगा और मंगोलिया में सदियों से संरक्षित भारतीय मूल की एक बहुमूल्य बौद्ध पांडुलिपि भारत के राष्ट्रपति को भेंट की जाएगी।
इस मौके पर दुनिया के विभिन्न हिस्सों के शीर्ष बौद्ध धर्मगुरुओं, विशिष्ट जानकारों और विद्वानों के संदेशों को सारनाथ एवं बोधगया से प्रसारित लाइव स्ट्रीमिंग में शामिल किया जायेगा। कोविड-19 महामारी के कारण इस वर्ष 7 मई को आयोजित अत्यंत सफल ‘वर्चुअल वैशाख (बुद्ध पूर्णिमा)’ की भांति ही यह पूरा कार्यक्रम भी वर्चुअल ढंग से ही आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम को ‘लाइव वेबकास्ट’ के माध्यम से दुनिया भर में लगभग 30 लाख भक्तों द्वारा देखे जाने की संभावना है।