डोकलाम गतिरोध और उसके बाद बढ़ी तल्खी के बाद शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की कई दौर की मुलाकात अैर बातचीत हुई। सदियों पुराने चीन-भारत संबंधों की प्रशंसा करते हुए मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से कहा कि दुनिया की 40 प्रतिशत आबादी के लिए काम करने की जिम्मेदारी भारत और चीन पर है।
जिनपिंग बिना तय एजेंडे के मोदी की आगवानी के लिए राजधानी से बाहर आये। इस पर मोदी ने कहा कि भारत के लोग गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं कि राष्ट्रपति शी ने राजधानी से बाहर आकर दो बार उनकी अगवानी की। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘शायद मैं पहला ऐसा भारतीय पीएम हूं, जिसकी अगवानी के लिए आप दो बार राजधानी (बीजिंग) से बाहर आए।’ बता दें कि 2014 में सत्ता में आने के बाद से मोदी की यह चौथी चीन यात्रा है।
उनकी चीन की फिर से एक यात्रा प्रस्तावित है। वह नौ जून से 10 जून तक किंगदाओ शहर में आयोजित होने वाले एससीओ सम्मेलन में जा सकते हैं। बातचीत के दौरान मोदी ने कहा दोनों देशों के पास अपने लोगों और विश्व की भलाई के लिए एक साथ मिलकर काम करने का एक बड़ा मौका है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘दोनों देशों ने 1600 वर्षों के लिए एक साथ विश्व अर्थव्यवस्था का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा बनाया।’ दोनों नेताओं ने कहा, ‘भारत और चीन की संयुक्त आबादी 2.6 अरब है जिसमें विकास की व्यापक क्षमता है। दोनों देशों का प्रभाव बढ़ रहा है।’ दोनों नेताओं ने भविष्य में समय-समय पर मुलाकात का भरोसा जताया। बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी को अगली अनौपचारिक शिखर बैठक 2019 में भारत में आयोजित करने की पेशकश की। चीनी राष्ट्रपति ने सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की।
चीनी चित्रकार की पेटिंग का उपहार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को एक प्रसिद्ध चीनी चित्रकार की पेंटिंग भेंट की जिसने पश्चिम बंगाल में विश्वभारती विश्वविद्यालय में अध्यापन किया था। मोदी ने अनौपचारिक शिखर वार्ता के दौरान शी को शू बीहोंग की पेंटिंग दी।
शू घोड़ों और पक्षियों की अपनी स्याही पेंटिग्स के लिए जाने जाते थे। वह उन कलाकारों में एक थे जिनमें 20 वीं सदी के प्रारंभ में आधुनिक चीन परिलक्षित हुआ। पहले अकेले फिर अफसरों संग बैठक भारत और चीन के बीच 1962 के बाद पहली बार आपसी रिश्तों की नयी इबारत लिखे जाने के ऐतिहासिक प्रयास के रूप में देखी जा रही इस अनौपचारिक शिखर बैठक को ‘दिल से दिल तक’ कहा जा रहा है।
आमने-सामने मुलाकात में दोनों ओर से दुभाषिये मौजूद रहे। बाद में शाम को हुई बैठक में दोनों ओर से प्रतिनिधि भी शामिल हुए जिनमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी भी मौजूद रहे। शनिवार को दोनों नेता ईस्ट लेक के किनारे टहलते हुए बातचीत करेंगे और नौका विहार भी करेंगे। जिनपिंग शनिवार को लंच भी देंगे। अधिकारियों के अनुसार शनिवार की मुलाकात का भी कोई औपचारिक एजेंडा नहीं है। यह बातचीत प्रोटोकॉल के बंधन से मुक्त है। इस बीच, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘दोनों नेता रणनीतिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से द्विपक्षीय संबंधों में हुए विकास की समीक्षा करेंगे।’
नयी दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम की चीन यात्रा का समर्थन करते हुए ट्वीट किया, ‘प्रिय प्रधानमंत्री, टीवी समाचारों से पता चला कि चीन यात्रा का कोई एजेंडा नहीं है। आप तनाव में नजर आ रहे हैं। आपको स्मरण कराने के लिए डोकलाम, पाक के कब्जे वाले क्षेत्र से गुजरने वाला चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा। यह भारतीय क्षेत्र है। भारत आपको इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर सुनना चाहता है। आपको हमारा पूरा समर्थन है।’
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