प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 जून से चीन की दो दिवसीय यात्रा पर होगें। इस दौरान वह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्र प्रमुखों की परिषद की 18 वीं बैठक में हिस्सा लेंगे। शंघाई सहयोग संगठन सम्मेलन के पहले दिन प्रधानमंत्री मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता बैठक करेंगे। विदेश मंत्रालय 9-10 जून के प्रधानमंत्री के इस दौरे के तैयारियों में जुटा है और उसे काफी उम्मीदें हैं। भारत शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में पूर्ण सदस्य बनने के बाद पहली बार शामिल हो रहा है। इससे पहले पिछले महीने अप्रैल महीने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चीन गए थे और राष्ट्रपति शी जिनपिंग से कई दौर की अनौपचारिक भेंट की थी।
इस दौरान दोनों नेताओं के बीच में कुछ सहमति भी बनी थी। समझा जा रहा है कि 9-10 जून को प्रधानमंत्री की चीन यात्रा के समय राष्ट्रपति शी जिनपिंग से होने वाले भेंट और द्विपक्षीय चर्चा में इसका असर देखने को मिल सकता है। दोनों देश सीमा पर शांति के साथ-साथ आर्थिक सहयोग के क्षेत्र में कदम बढ़ा सकते हैं। मई महीने में ही प्रधानमंत्री मोदी एक दिन की यात्रा पर रूस गए थे। इस यात्रा का मकसद रूस के राष्ट्रपति के साथ अनौपचारिक भेंट तथा चर्चा करना था।
पुतिन के साथ भी प्रधानमंत्री मोदी की चर्चा के पूरे आसार हैं। लेकिन इस दो दिन की यात्रा के केन्द्र में चीन के राष्ट्रपति के साथ केमिस्ट्री ही अहम रहने वाली है। माना यह जा रहा है कि भारत और चीन आपस में टकराव वाले मुद्दे से परहेज करके साथ चलने की नीति पर आगे बढ़ सकते हैं।
जुलाई में फिर होगी मुलाकात
इस साल एससीओ में भेंट के अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की दो मुलाकात और करीब-करीब तय मानी जा रही है। दोनों नेता जुलाई में दक्षिण अफ्रीका में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में मिलेंगे। इसके बाद जी-20 शिखर सम्मेलन में भी भेंट होने के पूरे आसार हैं। प्रधानमंत्री की अप्रैल में चीन यात्रा के बाद से जमीनी स्तर पर भारत और चीन के बीच में समझ बढ़ने के साफ संकेत मिल रहे हैं। इसे भारत और चीन दोनों ही देशों में सकारात्मक रूप से देखा जा रहा है।
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