पीएमओ ने कहा कि पारंपरिक शिल्प से जुड़े लोगों को समर्थन देने पर प्रधानमंत्री मोदी का निरंतर ध्यान रहा है। यह ध्यान न केवल कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से समर्थन देने की इच्छा से प्रेरित है, बल्कि स्थानीय उत्पादों, कला और शिल्प के माध्यम से सदियों पुरानी परंपरा, संस्कृति और विविध विरासत को जीवित और समृद्ध रखने की इच्छा से भी जुड़ा है।'' इस योजना को 13,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ केंद्र सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित किया जाएगा।