प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में आयुर्वेदिक दवाओं के उत्पादन के 1 लाख 40 हजार करोड़ रुपए तक पहुंचने पर संतोष व्यक्त करते हुए आयुष के क्षेत्र में काम करने वाले स्टार्ट अप्स से आज आग्रह किया कि वे अपने पोर्टल में ना केवल अंग्रेजी बल्कि संयुक्त राष्ट्र में मान्यता प्राप्त सभी भाषाओं में भी सामग्री डालें जिससे भारतीय ज्ञान एवं उत्पाद दुनिया के कोने-कोन में छा जाएं। पीएम मोदी ने आकाशवाणी पर अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात के 87वें अंक में कहा कि हमारी संस्कृति में सबको सौ-वर्ष के स्वस्थ जीवन की शुभकामनाएं दी जाती हैं। हम 7 अप्रैल को ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ मनाएंगे।
पूरे विश्व का योग और आयुर्वेद के प्रति बढ़ रहा रुझान
उन्होंने कहा कि आज पूरे विश्व में स्वास्थ्य को लेकर चाहे वो योग हो या आयुर्वेद इसके प्रति रुझान बढ़ता जा रहा है। अभी आपने देखा होगा कि पिछले ही सप्ताह कतर में एक योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें 114 देशों के नागरिकों ने हिस्सा लेकर एक नया विश्व रिकॉर्ड बना दिया। इसी तरह से आयुष उद्योग का बाजार भी लगातार बड़ा हो रहा है। 6 साल पहले आयुर्वेद से जुड़ी दवाइयों का बाजार 22 हजार करोड़ रुपए के आसपास का था। आज आयुष विनिर्माण उद्योग एक लाख चालीस हजार करोड़ रुपए के आसपास पहुंच रहा है, यानी इस क्षेत्र में संभावनाएं लगातार बढ़ रही हैं। स्टार्ट अप जगत में भी आयुष आकर्षण का विषय बनता जा रहा है।
PM मोदी ने कई आयुष स्टार्ट अपस के बारे में दी जानकारी
उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र के आयुष विषयक स्टार्ट अप्स पर बात करते हुए कहा कि एक स्टार्ट अप है- 'कपिवा' इसके नाम में ही इसका मतलब छिपा है। इसमें ‘क’ का मतलब है- कफ, ‘पि’का मतलब है- पित्त और ‘वा’ का मतलब है- वात। यह स्टार्ट अप हमारी परम्पराओं के मुताबिक स्वस्थ भोजन की आदतों पर आधारित है। एक और स्टार्ट अप निरोग-स्ट्रीट भी है जो आयुर्वेद स्वास्थ्य ईकोसिस्टम में एक अनूठी अवधारणा पर आधारित है। इसका प्रौद्योगिकी आधारित प्लेटफॉर्म दुनिया-भर के आयुर्वेदिक डॉक्टरों को सीधे लोगों से जोड़ता है। 50 हजार से अधिक डॉक्टर इससे जुड़े हुए हैं।
इसी तरह, आत्रेय इनोवेशन्स एक स्वास्थ्य टैक्नोलॉजी स्टार्ट अप है जो समग, स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम कर रहा है।इक्जोरियल ने न केवल अश्वगंधा के उपयोग को लेकर जागरूकता फैलाई है, बल्कि उच्च गुणवत्ता उत्पादन प्रक्रिया पर भी बड़ी मात्रा में निवेश किया है। क्योरवेदा ने जड़ी-बूटियों के आधुनिक शोध और पारंपरिक ज्ञान के संगम से समग, जीविका के लिए भोजन सप्प्लिमेंट्स का निर्माण किया है।
स्टार्ट अप्स अन्य देशों की भाषाओं में भी कंटेंट डालने की करें कोशिश
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘ऐसे स्टार्ट अप्स की सूची बहुत लंबी है। ये भारत के युवा उद्यमियों और भारत में बन रही नई संभावनाओं का प्रतीक है। मेरा स्वास्थ्य क्षेत्र के स्टार्ट अप्स और विशेषकर आयुष स्टार्ट अप्स से एक आग्रह भी है। आप ऑनलाइन जो भी पोर्टल बनाते हैं, जो भी कंटेट सृजित करते हैं, वो संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त सभी भाषाओं में भी बनाने का प्रयास करें। दुनिया में बहुत सारे ऐसे देश हैं जहां अंग्रेजी न इतनी बोली जाती है और ना ही इतनी समझी जाती है। ऐसे देशों को भी ध्यान में रखकर अपनी जानकारी का प्रचार-प्रसार करें। मुझे विश्वास है, भारत के आयुष स्टार्ट अप्स बेहतर गुणवत्ता के उत्पाद के साथ जल्द ही दुनिया भर में छा जायेंगे।’’
स्वामी शिवानंद ने प्रधानमंत्री समेत पूरे देश को चौंकाया
प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही भारतीय योग एवं प्राचीन परंपराओं के साथ जीने वाले एवं हाल में पद्म श्री से सम्मानित वाराणसी के स्वामी शिवानंद का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘‘हाल ही में हुए पदम् सम्मान समारोह में आपने बाबा शिवानंद जी को जरुर देखा होगा। 126 साल के बुजुर्ग की फुर्ती देखकर मेरी तरह हर कोई हैरान हो गया होगा और मैंने देखा पलक झपकते ही, वो नंदी मुद्रा में प्रणाम करने लगे। मैंने भी बाबा शिवानंद जी को झुककर बार-बार प्रणाम किया। 126 वर्ष की आयु और बाबा शिवानंद की फिटनेस दोनों आज देश में चर्चा का विषय है।
पीएम ने कहा कि मैंने सोशल मीडिया पर कई लोगों की टिप्पणियों को देखा कि बाबा शिवानंद अपनी उम्र से चार गुना कम आयु से भी ज्यादा फिट हैं। वाकई, बाबा शिवानंद का जीवन हम सभी को प्रेरित करने वाला है। मैं उनकी दीर्घ आयु की कामना करता हूँ। उनमें योग के प्रति एक आकर्षण है और वे बहुत स्वस्थ जीवनशैली में जीते हैं।’’
मन की बात में PM ने आंबेडकर और फुले का किया जिक्र
इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में और भी कई मुद्दों पर बात की जिसमें उन्होंने आंबेडकर और फुले का जिक्र किया और बेटियों की शिक्षा को लेकर भी बात की। पीएम मोदी ने संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर एवं महात्मा ज्योतिबा फुले को श्रद्धांजलि देते हुए लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे अपनी बेटियों की पढ़ाई पर विशेष रूप से फोकस करें। पीएम मोदी ने आकाशवाणी पर कहा कि अप्रैल के महीने में हम दो महान विभूतियों - महात्मा फुले और बाबा साहब अम्बेडकर की जयंती भी मनाएंगे। इन दोनों ने ही भारतीय समाज पर अपना गहरा प्रभाव छोड़ है।
बेटियों की शिक्षा पर है केंद्र सरकार का फोकस
उन्होंने आगे कहा कि महात्मा फुले की जयंती 11 अप्रैल को है और बाबा साहब की जयंती हम 14 अप्रैल को मनाएंगे। इन दोनों ही महापुरुषों ने भेदभाव और असमानता के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ी। महात्मा फुले ने उस दौर में बेटियों के लिए स्कूल खोले, कन्या शिशु हत्या के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने जलसंकट से मुक्ति दिलाने के लिए भी बड़े अभियान चलाये।
प्रधानमंत्री ने कहा कि महात्मा फुले की इस चर्चा में सावित्री बाई फुले का भी उल्लेख उतना ही जरुरी है। सावित्री बाई फुले ने कई सामाजिक संस्थाओं के निर्माण में बड़ी भूमिका निभाई। एक शिक्षिका और एक समाज सुधारक के रूप में उन्होंने समाज को जागरूक भी किया और उसका हौसला भी बढ़ाया। दोनों ने साथ मिलकर सत्यशोधक समाज की स्थापना की। जन-जन के सशक्तिकरण के प्रयास किए। हमें बाबा साहब अम्बेडकर के कार्यों में भी महात्मा फुले के प्रभाव साफ दिखाई देते हैं। वो कहते भी थे कि किसी भी समाज के विकास का आकलन उस समाज में महिलाओं की स्थिति को देख कर किया जा सकता है।
PM मोदी ने जनता को इन तीर्थ पर जानें की दी सलाह
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘महात्मा फुले, सावित्रीबाई फुले, बाबा साहब अम्बेडकर के जीवन से प्रेरणा लेते हुए, मैं सभी माता -पिता और अभिभावकों से अनुरोध करता हूँ कि वे बेटियों को जरूर पढ़यें। बेटियों का स्कूल में दाखिला बढ़ाने के लिए कुछ दिन पहले ही कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव भी शुरू किया गया है, जिन बेटियों की पढाई किसी वजह से छूट गई है, उन्हें दोबारा स्कूल लाने पर फोकस किया जा रहा है।’’ प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि हम सभी के लिए सौभाज्ञ की बात है कि हमें बाबासाहेब से जुड़े पंच तीर्थ के लिए कार्य करने का भी अवसर मिला है। उनका जन्म-स्थान महू हो, मुंबई में चैत्यभूमि हो, लंदन का उनका घर हो, नागपुर की दीक्षा भूमि हो, या दिल्ली में बाबासाहेब का महा-परिनिर्वाण स्थल, मुझे सभी जगहों पर सभी तीर्थों पर जाने का सौभाज्ञ मिला है। ‘मन की बात’ के श्रोताओं से आग्रह है कि वे महात्मा फुले, सावित्रीबाई फुले और बाबासाहेब अम्बेडकर से जुड़ी जगहों के दर्शन करने जरुर जाएँ। वहाँ उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।