प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आसियान शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए शनिवार को बैंकॉक पहुंचे, जहां उनका शानदार स्वागत किया गया। पीएम मोदी ने बैंकॉक में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोेधित किया इस इस मौके पर विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर, रेल, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल तथा थाईलैंड के सामाजिक विकास एवं सुरक्षा मंत्री जनरल अनंतपूर्ण कंजनारत भी उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि थाईलैंड के कण-कण में अपनापन नजर आता है। थाईलैंड में भारतीयता की महक हम जरूर महसूस करते हैं। उन्होंने कहा यहां की बातचीत में, यहां के खान-पान में, यहां की परंपराओं में, आस्था में, आर्किटेक्चर में, भारतीयता की झलक है। पूरे विश्व ने अभी दीवाली का त्यौहार मनाया है।
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आज छठ का बहुत बड़ा त्योहार है। थाईलैंड की यह मेरी पहली आधिकारिक यात्रा है। तीन साल पहले थाईलैंड नरेश के स्वर्गवास पर मैंने शोक संतप्त भारत की ओर से उन्हें श्रद्धांजालि अर्पित की थी। भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज थाईलैंड के नए नरेश के राज-काल में, अपने मित्र प्रधानमंत्री प्रयुत चान ओ च के निमंत्रण पर मैं भारत-आसियान समिट में भाग लेने यहां आया हूं।
उन्होंने आगे कहा भारत एवं थाईलैंड के बीच संबंधों का पौराणिक उल्लेख करते हुए कहा कि हजारों साल पहले से जम्बू द्वीप और सुवर्णभूमि के बीच समृद्धि एवं संस्कृति का सेतु विद्यमान है। समुद, के रास्ते व्यापार के लिए आवागमन करने वाले लोगों ने धर्म-दर्शन, ज्ञान-विज्ञान, भाषा-साहित्य, कला-संगीत और जीवनशैली को साझा किया। भगवान राम की मर्यादा एवं भगवान बुद्ध की करुणा हमारी साझी विरासत है। करोड़ भारतीयों पर रामायण का प्रभाव है तो थाईलैंड वासियों पर रामा कियन का असर है। भारत की अयोध्या और थाईलैंड की अयुध्या है।
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भारत में अवतार लेने वाले भगवान नारायण के वाहन गरुड़ की थाईलैंड में बड़ी महिमा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे रिश्तों को इतिहास के हर पल एवं हर घटना ने हमारे संबंधों को विस्तृत, विकसित, गहरा किया है और नई ऊंचाई तक पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि आज भी प्रवासी भारतीय थाईलैंड की समृद्धि के लिए परिश्रम कर रहे हैं और चारों ओर उनके व्यवहार, निष्ठा एवं अनुशासन की सराहना हो रही है।
उन्होंने कहा कि भारत ने भी विगत पांच वर्षों में जो उपलब्धियां हासिल की हैं उससे विश्व में रहने वाले भारतीयों का माथा ऊंचा और सीना चौडा हो गया है और उनका आत्मविश्वास कई गुना बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि 130 करोड़ भारतीय नये भारत के निर्माण में लगे हैं तथा बाहर से आने वाले लोगों को सार्थक परिवर्तन का स्पष्ट अनुभव हो रहा है। उन्होंने बीते लोकसभा चुनाव का उल्लेख करते हुए कहा कि इस चुनाव में विश्व के लोकतांत्रिक इतिहास में कई कीर्तिमान कायम हुए हैं। 60 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने वोट डाले।
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महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों की तुलना में अधिक रही। आजादी के बाद से सर्वाधिक महिला सांसद चुन कर आयीं तथा 60 साल में पहली बार किसी सरकार को पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद पहले से कहीं बड़ा जनादेश हासिल हुआ। श्री मोदी ने कहा कि इसका यह अर्थ भी है कि भारत के लोगों की आशा एवं अपेक्षा और बढ़ गयी है। जो लोग काम करते हैं, लोग उन्हें काम देते हैं और जो काम नहीं करते हैं, लोग उनके दिन गिनते रहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अब हम उन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए काम कर रहे हैं जो कभी असंभव लगते थे। जिन्हें सोच भी नहीं सकते थे।’’
उन्होंने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 एवं 35 ए को हटाने एवं राज्य को दो केन्द, शासित प्रदेशों में विभाजित करने के फैसले की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘आप सभी इस बात से परिचित हैं कि आतंक और अलगाव का बीज बोने वाले एक बहुत बड़े कारण से देश को मुक्त करने का निर्णय भारत ने कर लिया है।’’ प्रधानमंत्री ने इतना कहते ही पूरा स्टेडियम खड़ा हो गया और देर तक तालियों की गड़गड़हट से उनका स्वागत किया। इस पर श्री मोदी ने कहा, ‘‘आपका यह अभिनंदन भारत की संसद एवं सांसदों के लिए है। आपका प्यार, उत्साह, समर्थन हिन्दुस्तान की संसद एवं सांसदों के लिए बहुत बड़ी ताकत बनेगा।’