प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 अप्रैल को नमो (एनएएमओ) चिकित्सा शिक्षा और शोध संस्थान के नए परिसर का उद्घाटन करेंगे। यह संस्थान केंद्र शासित प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली तथा दमण एवं दीव का एकमात्र चिकित्सा संस्थान है।यह संस्थान अभी तक पट्टे पर ली गई इमारत से काम कर रहा था। अब वह सिलवासा में 35 एकड़ में फैले अपने परिसर में स्थानांतरित होने जा रहा है। यह क्षेत्र के लोगों के लिए आशा की किरण बन गया है और उनकी बढ़ती आकांक्षाओं का प्रतीक भी। इस क्षेत्र में लगभग 40 प्रतिशत जनजातीय आबादी रहती है।
दीव के छात्रों के लिए एक सपना रहा
प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 में इस चिकित्सा महाविद्यालय की आधारशिला रखी थी।इसके बुनियादी ढांचे को 203 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। इसमें एक बहुमंजिला पुस्तकालय, चार व्याख्यान हॉल और एक सभागार के साथ अकादमिक ब्लॉक, क्लब हाउस, संकाय के लिए आवासीय परिसर, छात्रों के लिए छात्रावास, आउटडोर और इनडोर खेलों के लिए प्रावधान जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं शामिल हैं।केंद्र शासित प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव डॉ. अरुण टी ने कहा, ‘‘उच्च शिक्षा, विशेष रूप से चिकित्सा शिक्षा हासिल करना, दादरा और नगर हवेली और दमण और दीव के छात्रों के लिए एक सपना रहा है।’’
महाविद्याालयों में सीटों का लाभ उठाने का अवसर
उन्होंने कहा, ‘‘पूर्व में, चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना से पहले, केंद्र शासित प्रदेश के केवल 10-12 छात्रों को प्रत्येक वर्ष केंद्र शासित प्रदेश को आवंटित केंद्रीय पूल कोटे से पूरे भारत में चिकित्सा महाविद्याालयों में सीटों का लाभ उठाने का अवसर मिलता था।’’उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में 2019 में चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित हुआ, जब केंद्रीय गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय के समर्थन और मार्गदर्शन के साथ, नमो चिकित्सा शिक्षा और शोध संस्थान ने काम करना शुरू कर दिया।
150 एमबीबीएस छात्रों की क्षमता के साथ शुरू हुआ था
संस्थान के डीन डॉ रामचंद्र गोयल ने कहा कि चिकित्सा महाविद्याालय 2019-20 शैक्षणिक वर्ष में 150 एमबीबीएस छात्रों की क्षमता के साथ शुरू हुआ था। आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों के लिए 27 सीटों के साथ यह संख्या धीरे-धीरे बढ़ाकर 177 कर दी गई है। वर्तमान में कॉलेज में 682 छात्र पंजीकृत हैं।गोयल ने कहा, ‘‘सीटों की संख्या बढ़ाकर 200 करने का लक्ष्य है।’’तीसरे वर्ष के छात्र मितेश झा ने कहा कि वह अपनी पिछली पीढ़ियों के मेधावी छात्रों के विपरीत खुद को भाग्यशाली मानते हैं क्योंकि उन्हें डॉक्टर बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए केंद्र शासित प्रदेश से सीमित संख्या में सीटों में जगह पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता था।
चिकित्सा शिक्षा हासिल करने में सक्षम
उन्होंने कहा, ‘‘आजादी के बाद से केंद्र शासित प्रदेश में कोई चिकित्सा महाविद्यालय नहीं था। मुझे खुशी है कि मैं चिकित्सा शिक्षा हासिल करने में सक्षम हूं।’’झा नए परिसर का उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री की यात्रा को लेकर भी उत्साहित हैं और उनके साथ बातचीत करने के लिए उत्सुक हैं।उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए बहुत उत्साहित हूं।’’क्षेत्र में इस बदलाव को जनजातीय समुदाय से आने वाली प्रथम वर्ष की छात्रा महक भसारा ने कुछ इस प्रकार अभिव्यक्त किया, ‘‘मेरे परिवार में कोई भी, यहां तक कि मेरे पूरे गांव में भी, डॉक्टर नहीं बन सका। यह मेरा सौभाग्य है कि दादरा और नगर हवेली में एक चिकित्सा महाविद्यालय बन गया है।’’
डॉक्टर बनने के बाद क्षेत्र के लोगों की सेवा करेंगी
वह सिलवासा जिले के रंधा गांव की मूल निवासी हैं। उन्होंने कहा कि वह डॉक्टर बनने के बाद क्षेत्र के लोगों की सेवा करेंगी।उन्होंने कहा कि इस मेडिकल कॉलेज के माध्यम से गरीब परिवारों के छात्र भी चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने के अपने सपनों को पूरा करने में सक्षम हो सकेंगे।चिकित्सा महाविद्यालय से चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित व उससे संबद्ध, श्री विनोबा भावे सिविल अस्पताल अन्य राज्यों के अलावा केंद्र शासित प्रदेश और गुजरात और महाराष्ट्र के आसपास के गांवों की पूरी आबादी की जरूरतों को पूरा करता है।
70 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान
वर्ष 1952 में स्थापित इस अस्पताल को पहले कॉटेज अस्पताल के रूप में जाना जाता था। करीब 316 बेड तक विस्तारित किए जाने से पहले इसमें न्यूनतम सुविधाओं के साथ इसमें 60-बेड की सुविधा थी। वर्तमान में 650 बेड उपलब्ध हैं और इसे 1,270 तक बढ़ाया जा रहा है।नमो मेडिकल चिकित्सा और शोध संस्थान के अलावा, मोदी प्रस्तावित आयुर्वेदिक अस्पताल और कल्याण केंद्र की आधारशिला भी रखेंगे, जिसे मधुबन बांध के पास 40 एकड़ भूमि पर हरे भरे वातावरण के साथ एक शांत क्षेत्र में स्थापित करने की योजना है। इस पर 70 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।