लुधियाना-एसएएस नगर : पंजाब सिंचाई विभाग में पिछले 10 साल में करवाएं गए विभिन्न कार्यो में हुए हजारों करोड़ के घोटाले के मुख्य आरोपी ठेकेदार गुरविंद्र सिंह द्वारा आज सुप्रीम कोर्ट से राहत ना मिलने के पश्चात मोहाली की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया और गुरविंद्र सिंह को 3 दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। जबकि सेवामुक्त चीफ इंचीनियरिंग हरविंद्र सिंह ने भी कल सुप्रीम कोर्ट द्वारा राहत ना मिलने पश्चात अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था। अदालत ने हरविंद्र सिंह को 14 दिसंबर की न्यायिक हिरासत में भेजा है। दोनों आरोपियों के खिलाफ विजिलेंस ने 4 महीने पहले केस दर्ज किया था। अकाली-भाजपा सरकार के कार्यकाल में सिंचाई विभाग में हुए हजारों करोड़ के कामों में मोटा घोटाला किया गया था।
कांग्रेस सरकार के सत्ता में आते ही सरकार ने सिचाई विभाग में घोटाले की जांच के आदेश दिए थे और विजिलेस विभाग की जांच में खुलासा हुआ था कि ठेकेदार गुरविंद्र सिंह के साथ मिलीभगत के चलते सिचाई विभाग के आधा दर्जन से ज्यादा बड़े अधिकारियों ने विभाग के कामों में टेंडर देने के दौरान सैकड़ों का घोटाला किया है। उनमें एक्सीएन गुलशन नागपाल, चीफ इंजीनियर सेवानिवृत्त परमजीत सिंह घुम्मन, एक्सीएन बजरंग लाल सिंगला, चीफ इंजीनियर सेवामुक्त हरविंद्र सिंह, एसडीओ सेवानिवृत्त गुरदेव ङ्क्षसह, सुपरवाइजर विमल कुमार शर्मा और सिंचाई विभाग के कुछ अधिकारी इंजीनियर और कर्मचारी भी शामिल है। जिनपर आरोप है कि उन्होंने सरकारी पदों का र्दुप्रयोग करके गुरविंद्र सिंह ठेकेदार के साथ मिलीभगत करके सरकारी खजाने को बड़ा वित्तीय नुकसान पहुंचाया है।
विजिलेंस के मुताबिक गुरविंद्र सिंह को लाभ पहुंचाने के लिए सी.एस.आर दरों से ज्यादा दरों पर ठेके अलाट किए जाते रहे है। जिससे सरकारी खजाने को बड़ा वित्तीय नुकसान हुआ है। विजिलेस का यह भी कहना है कि ठेकेदार गुरिंद्र सिंह की वर्ष 2006-07 में वार्षिक आमदन 4.74 करोड़ रूपए थी जो वर्ष 2016-17 के दौरान बढक़र 300 करोड़ रूपए हो गई। जिसपर विजिलेस गंभीरता से जांच कर रही है। उधर विजिलेस इस मामले में पुष्पिंद्र गर्ग (चीफ इंजीनियर नहर विभाग) जो सिंचाई विभाग के विजिलेस अधिकारी भी है की भूमिका संबंधित भी जांच करने की बात कही जा रही है। इस प्रकार दूसरे ठेकेदार पुष्पिंद्र सिंह सिद्धू और खारा कंट्रेक्टरस की भूमिका की भी जांच की जा रही है। फिलहाल पुलिस इस गौरखधंधे में सिंचाई विभाग के 3 रिटायर्ड अफसरों के अलावा 4 अधिकारियों के अतिरिक्त 10 साल तक कौन-कौन से लोग इसमें जुड़े है, इसका खुलासा गुरविंद्र की रगड़ाई के बाद ही पुलिस पता लगाएंगी।
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– सुनीलराय कामरेड