अमित शाह के डीपफेक वीडियो मामले में बड़ा एक्शन, X ने झारखंड कांग्रेस के अकाउंट को किया सस्पेंड

अमित शाह के डीपफेक वीडियो मामले में बड़ा एक्शन, X ने झारखंड कांग्रेस के अकाउंट को किया सस्पेंड
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लोकसभा चुनाव प्रचार के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एडिटेड वीडियो का मामला और गरमा गया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' ने झारखंड कांग्रेस के X अकाउंट को सस्पेंड कर दिया है। दरसल इसी एक्स हैंडल आईएनसी झारखंड से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का डीप फेक वीडियो शेयर किया गया था।

2 मई को दिल्ली पुलिस ने अमित शाह के एडिटेड वीडियो मामले में झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर को जांच के सिलसिले में तलब किया है। जानकारी के मुताबिक अब तक अमित शाह के एडिटेड वीडियो मामले में FIR दर्ज करने के बाद लगभग 20 लोगों को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेजा जा चूका है। कुछ को 1 मई को बुलाया गया था, अब कुछ को 2-3-4 मई को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

दरअसल, अमित शाह के जिस फर्जी वीडियो को सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर किया जा रहा था वो आरक्षण से जुड़ा हुआ था। अमित शाह ने गुवाहाटी में उस फेक वीडियो कोलेकर कांग्रेस पर हमला भी बोला। इस वायरल वीडियो के सामने आने के बाद विवाद खड़ा हो गया है, जिसमें कथित तौर पर गृह मंत्री अमित शाह को अनुसूचित जाति (SC) अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण प्रावधानों को रद्द करने के भाजपा के इरादे का संकेत देते हुए दिखाया गया है।

मामले को लेकर दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज की

इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भाषण से छेड़छाड़ किया गया वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करने और साझा करने के मामले में दिल्ली पुलिस ने तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी सहित सात राज्यों के 16 नेताओं को तलब किया था। एडिटेड वीडियो की जांच के लिए झारखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, नागालैंड के लिए दिल्ली पुलिस की अलग- अलग टीमें भेजी गई हैं

मामले को लेकर दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज की

दिल्ली पुलिस ने रविवार को भाजपा और गृह मंत्रालय की शिकायत मिलने के बाद केस दर्ज किया। इसके बाद दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल साइबर विंग की आईएफसओ यूनिट ने भी FIR दर्ज की। आईएएनएस के पास उपलब्ध FIR के अनुसार गृह मंत्रालय ने शिकायत में कहा कि छेड़छाड़ किए गए वीडियो को फेसबुक और ट्विटर पर शेयर किए जा रहे हैं। जिससे पता चलता है कि इसमें समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा करने के इरादे से भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है। इससे शांति और व्यवस्था पर असर पड़ने की संभावना हैं। मंत्रालय ने आगे यह अपील किया है कि कृपया कानून के प्रावधानों के अनुसार जरूरी कार्रवाई करें।

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