Congress President मल्लिकार्जुन खड़गे पर भूमि घोटाले का आरोप, BJP ने खड़े किए सवाल

Congress President मल्लिकार्जुन खड़गे पर भूमि घोटाले का आरोप, BJP ने खड़े किए सवाल

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भाजपा के राज्यसभा सांसद लहर सिंह सिरोया ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर भूमि आवंटन को लेकर बड़े सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि खड़गे परिवार कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड भूमि का पात्र होने के लिए एयरोस्पेस उद्यमी कब बन गया?
सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट को कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड की पांच एकड़ भूमि आवंटित की गई
राज्यसभा सांसद सिरोया ने एक लिखित बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि एक न्यूज़ रिपोर्ट से यह पता चला है कि मल्लिकार्जुन खड़गे के परिवार से संचालित एक ट्रस्ट (सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट) को कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड की पांच एकड़ भूमि आवंटित की गई है।
"उन्हें बेंगलुरु के हाईटेक डिफेंस एयरोस्पेस पार्क के पास यह जमीन आवंटित की गई है। दिलचस्प बात यह है कि जो लोग ट्रस्टी हैं, उनमें स्वयं मल्लिकार्जुन खड़गे, उनकी पत्नी राधाबाई खड़गे, उनके दामाद और सांसद राधाकृष्ण, बेटा और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे, एक और बेटा राहुल खड़गे शामिल हैं। क्या यह सत्ता का दुरुपयोग और भाई-भतीजावाद नहीं है?"
क्या खड़गे परिवार को भी आखिरकार यह जमीन छोड़नी होगी – सिरोया
सिरोया ने सवाल किया है कि उद्योग मंत्री एमबी पाटिल ने कैसे मार्च 2024 में इस आवंटन के लिए सहमति दी? खड़गे परिवार कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड की भूमि के पात्र होने के लिए एयरोस्पेस उद्यमी कब बन गया? इस कथित अवैध भूमि आवंटन का मामला राज्यपाल के कार्यालय और आरटीआई तक भी पहुंच गया है। क्या खड़गे परिवार को भी आखिरकार यह जमीन छोड़नी होगी जैसे सिद्दारमैया को मैसूरु में विवादास्पद साइटों को छोड़ना पड़ेगा? क्या इस आवंटन की जांच होगी?
जानिए ! क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के परिवार पर मैसूरु में अवैध तरीके से भूमि आवंटन का लाभ लेने का आरोप है। जमीन घोटाला 3.2 एकड़ जमीन से जुड़ा है, जिसे मुख्यमंत्री की पत्नी पार्वती को उनके भाई मल्लिकार्जुन स्वामी ने 2010 में उपहार में दिया था। मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा जमीन अधिग्रहण के बाद पार्वती ने मुआवजे की मांग की और इसके बाद उन्हें 14 प्लॉट आवंटित किए गए थे। जानकारी के मुताबिक, इस प्लॉट की कीमत मूल भूमि से काफी अधिक है।

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