बीरभूम से बीजेपी उम्मीदवार और पूर्व आईपीएस अधिकारी देबाशीष धर का नामांकन रद्द

बीरभूम से बीजेपी उम्मीदवार और पूर्व आईपीएस अधिकारी देबाशीष धर का नामांकन रद्द
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Debashish Dhar: बीरभूम से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार देबाशीष धर (Debashish Dhar) का नामांकन शुक्रवार, 26 अप्रैल को रद्द कर दिया गया है। नामांकन के साथ अनापत्ति प्रमाण पत्र दाखिल करने में विफलता के कारण चुनाव आयोग ने उनका नामांकन रद्द करने का फैसला किया है। इससे पहले देबाशीष धर ने पिछले महीने आईपीएस पद से इस्तीफा दे दिया था। पूर्व आईपीएस देबासिस धर को नामांकित किया गया था लेकिन वह अपने इस्तीफे के बाद अंतिम रिहाई आदेश दाखिल नहीं कर सके। इसे पहले से भांपते हुए बीजेपी ने आखिरी दिन देबतनु भट्टाचार्य का नामांकन फाइनल कर दिया।

Highlights:

  • बीरभूम से भाजपा के उम्मीदवार देबाशीष धर का नामांकन रद्द कर दिया गया है।
  • देबाशीष धर ने अपने नामांकन के साथ अनापत्ति प्रमाण पत्र दाखिल नहीं किया था।
  • इससे पहले देबाशीष धर ने पिछले महीने आईपीएस पद से इस्तीफा दे दिया था।

Debashish Dhar का नामांकन क्यों रद्द किया गया?

साल 2016 में दिल्ली उच्च न्यायालय के एक फैसले में कहा गया था कि यदि किसी उम्मीदवार के पास पिछले 10 वर्षों से विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा प्रदान की गई सेवाओं का कोई बकाया नहीं है, तो नामांकन फॉर्म में प्रत्येक एजेंसी से नो-ड्यूज़ प्रमाणपत्र देना होगा। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उनका नामांकन अवैध माना जाएगा। देबाशीष धर (Debashish Dhar) के मामले में भी ऐसा ही हुआ है। आयोग ने कहा, जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 36 के मुताबिक देबाशीष धर का नामांकन रद्द करने योग्य है।

शताब्दी रॉय के खिलाफ किया था नामांकन

आयोग के मुताबिक नो ड्यूज सर्टिफिकेट नहीं देने के कारण देबाशीष की उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है। बीजेपी ने देबाशीष धर (Debashish Dhar) के नाम का ऐलान कर लोगों को चौंका दिया था। देबाशीष तृणमूल कांग्रेस की शताब्दी रॉय के खिलाफ चुनावी मैदान में थे। टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कई सार्वजनिक बैठकों में पूर्व आईपीएस अधिकारी को बार-बार याद दिलाया है कि विधानसभा चुनाव के दौरान जब शीतला कुची में गोलीबारी हो रही थी, तब देबाशीष धर जिले के पुलिस अधीक्षक थे।

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