संसद का बजट सत्र सोमवार, 22 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के इस दूसरे संसद सत्र के 12 अगस्त तक चलने की संभावना है। सत्र में 22 दिनों की अवधि के दौरान 16 बैठकें होंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होने से पहले संसद भवन परिसर में सुबह लगभग 10 बजे मीडिया को संबोधित करेंगे।
सभी राजनीतिक दलों से सदन में बजट पर चर्चा
माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी संसद के बजट सत्र के महत्वपूर्ण होने की बात कहते हुए सभी राजनीतिक दलों से सदन में बजट पर चर्चा करने और सुचारू ढंग से सदन की कार्यवाही को चलने देने की अपील कर सकते हैं। इससे पहले, संसद के बजट सत्र को लेकर रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भी सरकार ने संसद के सुचारू कामकाज के लिए सभी राजनीतिक दलों से सहयोग मांगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्षी दलों को दी नसीहत
सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी मुद्दों पर खुले दिल से चर्चा के लिए तैयार रहने की बात कहते हुए विपक्षी दलों को नसीहत भी दी। उन्होंने कहा कि पिछले सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण पर दोनों सदनों- लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी दलों ने जो हंगामा और व्यवधान किया, वह संसदीय परंपरा के लिए उचित नहीं था।
राजनाथ सिंह ने महत्वपूर्ण मुद्दों की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए सभी नेताओं को दिया धन्यवाद
बैठक का समापन करते हुए, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक में उठाए गए महत्वपूर्ण मुद्दों की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए सभी नेताओं को धन्यवाद दिया और कहा कि इन मुद्दों का ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि हमें कार्यवाही के दौरान संसद की पवित्रता बनाए रखनी चाहिए। सरकार संसद के संबंधित सदनों के नियमों और संबंधित पीठासीन अधिकारियों के निर्णयों के अधीन इन सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।
सर्वदलीय बैठक में भाजपा को मिलाकर 41 राजनीतिक दलों के 55 नेता हुए शामिल
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सर्वदलीय बैठक के समापन के बाद कहा कि संसद को सुचारू ढंग से चलाना सरकार के साथ-साथ विपक्ष की भी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक में भाजपा को मिलाकर 41 राजनीतिक दलों के 55 नेता शामिल हुए। नेताओं ने बजट सत्र को लेकर कई अच्छे सुझाव भी दिए। सभी राजनीतिक दलों ने बैठक में अपने-अपने मुद्दों को रखा। सरकार संबंधित पीठासीन अधिकारियों द्वारा प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों के तहत अनुमति के अनुसार किसी भी मुद्दे पर सदन के पटल पर चर्चा करने के लिए हमेशा तैयार है।
23 जुलाई को लोकसभा में प्रस्तुत
उन्होंने संसद के दोनों सदनों के सुचारू कामकाज के लिए सभी दलों के नेताओं से सहयोग और समर्थन का भी अनुरोध किया। उन्होंने यह भी बताया कि यह सत्र मुख्य रूप से 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट से संबंधित फाइनेंशियल बिजनेस के लिए समर्पित होगा, जिसे मंगलवार, 23 जुलाई को लोकसभा में प्रस्तुत किया जाएगा। 2024 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर का बजट भी 23 जुलाई को प्रस्तुत किया जाएगा।
सत्र के पहले दिन, सोमवार को भारत के आर्थिक सर्वेक्षण को संसद के पटल पर रखा जाएगा। आवश्यक विधायी और अन्य जरूरी कामकाज भी सत्र के दौरान किए जाएंगे। 18वीं लोकसभा के दूसरे सत्र और राज्य सभा के 265वें सत्र के दौरान सरकार संसद में वित्त (नंबर 2) विधेयक- 2024, आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक-2024, बॉयलर बिल-2024, भारतीय वायुयान विधायक – 2024, कॉफ़ी (संवर्धन और विकास) विधेयक- 2024 और रबर (संवर्धन और विकास) विधेयक – 2024 सहित छह विधेयकों को पेश कर पारित करवाने का प्रयास करेगी।
इसके साथ ही तीन वित्तीय विषय- केंद्रीय बजट, 2024-25 पर सामान्य चर्चा, वर्ष 2024-25 के लिए अनुदान की मांगों पर चर्चा एवं मतदान और संबंधित विनियोग विधेयक पारित करवाने के साथ ही वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर की अनुदान मांगों पर चर्चा और मतदान और संबंधित विनियोग विधेयक का परिचय, विचार और पारित करवाना भी सरकार के एजेंडे में है।