लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

भारत की अखंडता की रक्षा में सुरक्षा बलों का समर्थन करने के लिए एकजुट हुई राजनीतिक पार्टियां

पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत की दृढ़ता दिखाते हुए शनिवार को सभी राजनीतिक पार्टियों ने इस बात को

पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत की दृढ़ता दिखाते हुए शनिवार को सभी राजनीतिक पार्टियों ने इस बात को रेखांकित किया कि वे देश की एकता और अखंडता की रक्षा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपने सुरक्षा बलों के साथ एकजुटता से खड़ी हैं।

सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सभी प्रमुख पार्टियों के नेताओं ने शिरकत की। भाजपा और कांग्रेस सहित सभी पार्टियों ने एक प्रस्ताव पारित कर आतंकवादी हमले और सीमा-पार से उसे मिल रहे समर्थन की निंदा की। विपक्षी सदस्यों ने इस चुनौती से निपटने में सरकार को पूरा समर्थन दिया।

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने उनसे अपील की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी प्रमुख राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय पार्टियों के अध्यक्षों की एक बैठक बुलाएं। तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और भाकपा के डी राजा ने इस विचार का समर्थन किया।

नियंत्रण रेखा के पास आईईडी विस्फोट में मेजर शहीद

करीब ढाई घंटे चली बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया, ‘‘भारत ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए दृढ़ता दिखाई है। पूरा देश एक स्वर में इन चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए दृढ संकल्पित है। आज, हम भारत की एकता और अखंडता की रक्षा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपने सुरक्षा बलों के साथ एकजुट हो कर खड़े हैं।’’

विपक्षी सूत्रों ने बताया कि सरकार द्वारा साझा किए गए प्रस्ताव के मसौदे में पार्टियों के सुरक्षा बलों के साथ खड़े होने और ‘‘केंद्र एवं राज्य सरकारों के प्रयासों’’ का जिक्र किया गया था, लेकिन विपक्षी पार्टियों के सुझाव पर इसकी अंतिम प्रति से केंद्र एवं राज्य सरकारों का जिक्र हटा दिया गया।

पारित किए गए प्रस्ताव में पाकिस्तान का नाम नहीं लिया गया लेकिन इस बात पर जोर दिया गया कि भारत सीमा पार से आतंकवादी खतरे का सामना करता रहा है जिसे हाल में पड़ोसी देश की ताकतों द्वारा काफी प्रोत्साहित किया जा रहा है।

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में बीते गुरूवार को सीआरपीएफ के एक काफिले पर फिदायीन हमला हुआ जिसमें इस अर्धसैनिक बल के कम से कम 40 जवान शहीद हो गए। पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।

भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना के सांसद संजय राउत ने सरकार से कहा कि वह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से प्रेरणा लेकर पाकिस्तान पर सीधा वार करे। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि बैठक में उन्होंने कहा कि यदि 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक का कोई असर हुआ होता तो पुलवामा में आतंकवादी हमला नहीं होता।

गृह मंत्री राजनाथ ने अपने संबोधन में नेताओं को हमले और शुक्रवार को अपने जम्मू-कश्मीर दौरे के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए कृतसंकल्प है। सुरक्षाकर्मियों का त्याग व्यर्थ नहीं जाएगा। जम्मू-कश्मीर के लोग शांति चाहते हैं और हमारे साथ हैं, लेकिन कुछ ऐसे तत्व हैं जो पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी समूहों का समर्थन करते हैं।’’ राजनाथ ने जोर देकर कहा कि सुरक्षा बलों का मनोबल ऊंचा है और उन्हें खुली छूट दी गई है।

इस बैठक में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय, शिवसेना के संजय राउत, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के जितेंद्र रेड्डी, नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला और लोजपा के रामविलास पासवान समेत कई अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया। अकाली दल के नरेश गुजराल, रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा और राजद जय प्रकाश नारायण यादव भी बैठक में शामिल हुए।

संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पत्रकारों को प्रस्ताव पढ़कर सुनाते वक्त बताया कि पार्टियों ने सरकार को अपना समर्थन दिया। संजय सिंह ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों ने सरकार से कहा कि वह पुलवामा में आतंकवादी हमले के बाद की जाने वाली किसी भी कार्रवाई का समर्थन करेंगी।

नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने घाटी के बाहर कुछ कश्मीरी छात्रों की कथित प्रताड़ना का मुद्दा उठाया। गृह मंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि किसी को सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी और केंद्र सरकार इस बाबत राज्य सरकारों को परामर्श जारी करने जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

18 + 10 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।