सीपीसीबी की अगुवाई वाले एक कार्यबल ने यहां होने वाले आसियान सम्मेलन के दौरान वायु प्रदूषण को काबू में रखने के लिए दिल्ली और एनसीआर में 15 जनवरी से एक पखवाड़ के लिए कोयला आधारित उद्योगों को बंद करने की आज सिफारिश की। केंद्र द्वारा अधिसूचित क्रमिक जवाबी कार्वाई योजना (जीआरएपी) के तहत गठित इस कार्यबल ने प्रदूषण के एक बार फिर आपात स्तर तक पहुंच जाने के आलोक में विभिन्न प्रस्तावों के तहत ईपीसीए से यह सिफारिश की है। आसियान सम्मेलन राष्ट्रीय राजधानी में 19 से 30 जनवरी के बीच होने वाला है। पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) ने भी दिल्ली, हरियाण, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के मुख्य सचिवों को जीआरएपी)) की आपात श्रेणी के तहत अगले दौर की कार्वाई के लिए तैयार रहने के लिए पत्र लिखा है। उसके तहत सम-विषम योजना भी शामिल है। सीपीसीबी कार्यबल ने स्थिति की समीक्षा के बाद यह सिफारिश भी की कि राज्य निजी वाहनों के लिए युक्तिसंगत योजना को लागू करने में तत्परता दिखाएं, वैसे आपात सेवाएं उनका अपवाद हो सकती हैं।
कार्यबल के सदस्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ टी के जोशी ने पीटीआई भाषा से कहा कि इस क्षेत्र में कोयला आधारित ताप बिजली संयंत्रों को बंद करने की सिफारिश भी विचाराधीन है लेकिन इसे फिलहाल मुल्तवी कर दिया गया है क्योंकि यह प्रतिकूल फलदायक भी हो सकता है। जोशी ने कहा, इससे बिजली का संकट पैदा हो सकता है, तत्पश्चात डीजल जेनरेटरों का उपयोग होने लगेगा जो पहले से ही प्रतिबंधित है। हम लगातार स्थिति की समीक्षा करेंगे क्योंकि यह स्थिति कुछ और दिन तक बनी रह सकती है। आज दोपहर एक बजे पीएम 2.5 की सांद्रता 320.9 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर और पीएम 10 की सांद्रता 496 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर थी। पीएम 10 की सांद्रता 500 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर की आपात सीमा से महज चार इकाई कम थी। शाम छह बजे पीएम 2.5 की सांद्रता 314 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर और पीएम 10 की सांद्रता 487 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर थी। केंद्र द्वारा अधिसूचित क्रमिक जवाबी कार्वाई योजना (जीआरएपी))) के तहत जब पीएम 2.5 और पीएम 10 के अतिसूक्ष्म कण क्रमश: 300 और 500 माइक्रोक्रोम प्रति घनमीटर से अधिक हो जाते हैं तो उस प्रदूषण को गंभीर से अधिक या आपात श्रेणी का प्रदूषण समझा जाता है। जब ऐसी स्थिति 48 घंटे से भी ज्यादा देर तक बनी रहती है तो आपात श्रेणी के उपाय करने होते हैं।
बैठक के ब्योरे में कहा गया है, कार्यबल ने दिल्ली एनसीआर के लिए वायु की गुणवथा की समीक्षा की। आज सुबह सात बजे से गंभीर से भी अधिक वायु गुणवथा बनी हुई है। भारतीय मौसम विभाग ने सुबह में कम हवा तथा मध्यमाघने कोहरे का अनुमान लगाया है। यदि ईपीसीए आपात कार्ययोजना की अधिसूचना जारी करता है, जो नवंबर में धुंध के दौरान की गयी थी, तब ट्रकों के प्रवेश, निर्माण गतिविधियों पर रोक, सम-विषम वाहन परियोजना जैसे उपाय शहर में लागू किए जा सकते हैं। पहले दौर में ये उपाय आठ नवंबर को किये गये थे जो 16 नवंबर को वापस लिये गये थे जब धुंध छंट गई थी। नवीनतम गंभीर प्रदूषण 19 दिसंबर की रात को शुरु हुआ जो लगातार बढ़ है। इसकी वजह हवा की रफ्तार में भारी गिरावट है जिससे प्रदूषक नहीं छितराते हैं।
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