लोकसभा में सुरक्षा चूक के मामले में विपक्ष और सत्ता पक्ष एकमत हैं। शुक्रवार को भारतीय साक्ष्य अधिनियम, सीआरपीसी और आईपीसी की जगह लेने वाले तीन नए आपराधिक कानूनों से संबंधित विधेयक विधायिका में चर्चा के लिए निर्धारित हैं। उनकी दृढ़ता को देखते हुए लोकसभा में अब भी हंगामा हो सकता है।
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आपको बता दें कि, लोक सभा की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में विपक्ष गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग पर अड़ा हुआ है, वहीं सरकार अतीत में हुई इस तरह की कई घटनाओं का जिक्र करते हुए यह कह रही है सदन के कस्टोडियन स्पीकर हैं और पहले भी इस तरह की घटनाओं में स्पीकर ने ही फैसले किए हैं।
विपक्ष के हंगामे के कारण गुरुवार को लोकसभा में कोई कामकाज नहीं हो पाया था वहीं सरकार और स्पीकर ने भी कड़ा स्टैंड लेते हुए हंगामे कर रहे विपक्ष के 13 सांसदों को सदन के वर्तमान शीतकालीन सत्र की बची हुई शेष अवधि के लिए सदन से निलंबित कर दिया। निलंबित किए गए 13 सांसदों में कांग्रेस के 9 सांसद – हिबी ईडन, एस. ज्योतिमणि, टी एन प्रथापन, राम्या हरिदास, डीन कुरियाकोस, वीके श्रीकंदन, बेहनन बैन्नी,मोहम्मद जावेद और माणिक्कम टैगोर के अलावा सीपीआई (एम) के 2 सांसद पीआर नटराजन एवं एस वेंकटेशन और डीएमके के एक सांसद कनिमोझी के साथ ही सीपीआई के एक सांसद के सुब्बारायण भी शामिल हैं।
आपको बता दें कि आईपीसी, सीआरपीसी और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह लेने वाले तीन आपराधिक कानूनों से जुड़े विधेयक-भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023 , भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक -2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 के अलावा डाक घर बिल – 2023 भी शुक्रवार को लोक सभा में चर्चा के लिए लिस्टेड है।
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