उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी में अपने घर में रहस्यमयी हालात में मृत मिले एक ही परिवार के 11 सदस्यों में से 6 मृत सदस्यों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट्स सामने आ गई है, रिपोर्ट्स का अनुसार 6 सदस्यों के शरीर पर किसी भी तरह के संघर्ष के निशान मौजूद नहीं हैं। सूत्रों के मुताबिक मृतक परिवार के सदस्यों ने अपनी आंखें दान की थीं। वहीं एक रिश्तेदार ने आज इस घटना में साजिश की आशंका जताई और कहा कि ‘‘ वे शिक्षित लोग थे, अंधविश्वासी नहीं।’’ इस परिवार के एक रिश्तेदार केतन नागपाल ने आरोप लगाया कि उन्हें मारा गया है। उन्होंने पुलिस की इस कहानी को खारिज किया कि हो सकता है यह ‘‘एकसाथ खुदकुशी’’ का मामला हो।
उन्होंने कहा कि यह एक समृद्ध परिवार था। रिश्तेदारों ने दावा किया कि इन मौतों में कोई ‘‘ धार्मिक कोण ’’ नहीं है। वही मृत परिवार के 11 लोगों में शामिल दो नाबालिग लड़कों के एक दोस्त ने कहा कि उसने कल रात उन दोनों को क्रिकेट खेलते हुये देखा था। उनके मित्र जतिन ने कहा कि 15-15 साल के लड़के नौवीं कक्षा के छात्र थे। उसने कहा, ‘‘मैंने उन्हें कल रात खेलते हुए देखा था। भवनेश अंकल उन्हें देखकर खुश हो रहे थे। यह विश्वास करना मुश्किल है कि वे अब हमारे बीच नहीं हैं।’’
पुलिस सूत्रों की मानें तो रजिस्टर में अलौकिक शक्तियां, मोक्ष के लिए मौत ही एक द्वार व आत्मा का अध्यात्म से रिश्ता जैसी अजीबो गरीब बातें लिखी हुई हैं। जांच टीम ने जब इन पन्नों को पलटा तो उसमें लिखा हुआ था कि ‘मोक्ष प्राप्त करना है तो जीवन को त्यागना होगा। जीवन को त्यागने के लिए मौत को गले लगाना होगा। मौत को गले लगाने में कष्ट होगा।
कष्ट से छुटकारा पाना है तो आंखें बंद करनी होंगी। यही नहीं, जांच में यह भी सामने आया कि डायरी में आखिरी बार 26 जून को लिखा गया था, जिसमें इस बात का जिक्र था कि अगर हमें 30 जून को परमात्मा से मिलना है तो हम सब हाथ पांव, मुंह पूरी तरह बांधेंगे ताकि किसी की सुन न सके।