नवनिर्वाचित भाजपा सांसद एवं 2008 के मालेगांव बम विस्फोट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर शुक्रवार को एक विशेष अदालत के समक्ष पेश हुईं। भोपाल से पिछले महीने लोकसभा सांसद निर्वाचित होने के बाद प्रज्ञा की एनआईए अदालत में यह पहली पेशी है। 11 साल पुराने विस्फोट मामले में एनआईए अदालत में मुकदमा चल रहा है।
पिछली बार वह गत अक्टूबर में आरोप तय किए जाने के समय अदालत में पेश हुई थीं। विशेष एनआईए न्यायाधीश वीएस पडालकर ने पिछले महीने प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित सभी आरोपियों को सप्ताह में कम से कम एक बार अदालत के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था।
न्यायाधीश ने तब कहा था कि केवल ठोस कारण दिए जाने पर ही पेशी से छूट दी जाएगी। विशेष अदालत ने सोमवार को ठाकुर की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने इस हफ्ते पेशी से छूट की मांग की थी। उन्होंने इस आधार पर छूट मांगी थी कि उन्हें संसद में अपने निर्वाचन से संबंधित औपचारिकताएं पूरी करनी हैं, लेकिन अदालत ने कहा कि मामले में इस चरण में उनकी मौजूदगी आवश्यक है।
उनके वकील प्रशांत मागू ने बृहस्पतिवार को अदालत को बताया कि उनकी मुवक्किल उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं और भोपाल से मुंबई आने में असमर्थ हैं। अदालत ने उन्हें उस दिन पेशी से छूट दे दी और कहा कि वह उसके समक्ष शुक्रवार को पेश हों।
न्यायाधीश ने कहा था, “आज (बृहस्पतिवार) पेशी से छूट दी जाती है। लेकिन उन्हें शुक्रवार को पेश होना होगा, अन्यथा उन्हें परिणाम भुगतने होंगे।” ठाकुर की करीब सहयोगी उपमा ने बताया कि सांसद को बुधवार की रात पेट में तकलीफ के चलते भोपाल में अस्पताल में भर्ती कराया गया और बृहस्पतिवार की सुबह उन्हें छुट्टी दे दी गई।
अदालत मामले में गवाहों की गवाही दर्ज कर रही है। मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित सात लोग आरोपों का सामना कर रहे हैं। मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद के पास हुए बम विस्फोट में छह लोग मारे गए थे और 100 से अधिक घायल हुए थे।