केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शनिवार कहा कि विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच प्रतिस्पर्धी दावे का जवाब उच्च्तम न्यायालय से ही मिलेगा। प्रसाद ने बंबई उच्च न्यायालय की पणजी खंडपीठ की एक नयी इमारत के उद्घाटन के दौरान यह कहा। इस मौके पर भारत के प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे और मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘स्थानीय विकास, रोजगार के अवसर और कारोबार को लेकर किए जा रहे प्रतिस्पर्धी दावे थोड़े जटिल हैं तथा इस समस्या का अंतिम समाधान अभी आना बाकी है।’’ उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की जरूरत है, इसके साथ ही विकास के साथ बेहतर संतुलन बनाने की जरूरत है।
प्रसाद ने कहा कि भारत जब आजाद हुआ था, तब उसके समक्ष भी दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह ही चुनौतियां पेश आईं। कानून मंत्री ने कहा, ‘‘ विकास एवं पर्यावरण के बीच प्रतिस्पर्धी दावे का सटीक उत्तर उच्चतम न्यायालय से आएगा, जिससे दोनों के बीच अनुकूल सामंजस्य स्थापित होगा।’’ देश में न्यायिक अवसंरचना के बारे में प्रसाद ने कहा कि केंद्र, राज्य सरकारों, भारत के प्रधान न्यायाधीश के नेतृत्व में न्यायपलिका को इसके लिए सौहार्द्र, साझेदारी एवं समन्वय के साथ भूमिका निभानी होगी।
इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का भी प्रभार संभाल रहे प्रसाद ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान परिवहन व्यवस्था जब स्थगित हो गई थी, तब उनके विभाग ने देश को इंटरनेट, फोन एवं आईटी के जरिए संचालित रखने में सहयोग किया। उन्होंने दावा किया, ‘‘मुझे याद है कि भारत की आईटी कंपनियां स्तब्ध थी। मैंने घर से काम करने की व्यवस्था को उदार बना दिया।’’