प्रकर्तिक आपदा हो या मानवीय लोगो की मदद के लिए सदैव तत्परता से कार्य करने वाले एनडीआरएफ कर्मी समय से पहुंच राहत व बचाव कार्य में लग जान और माल की रक्षा करते है।बालासोर ट्रेन हादसे में एनडीआरएफ ने तेजी से प्रतिक्रिया दी और जल्द से जल्द दुर्घटना स्थल पर पहुंच गया।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कई प्रशंसा अर्जित
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने ओडिशा में ट्रेन दुर्घटना के मद्देनजर बचाव और राहत कार्य में तेजी से प्रतिक्रिया दी, जिसमें 275 लोगों की जान चली गई। मिश्रा ने संवाददाताओं से कहा, “एनडीआरएफ ने तेजी से प्रतिक्रिया दी और जल्द से जल्द ओडिशा ट्रेन दुर्घटना स्थल पर पहुंच गया। इस बल ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कई प्रशंसा अर्जित की है।” उन्होंने कहा कि रेल मंत्री ने दुर्घटना के संबंध में पूछे गए सवालों के जवाब दे दिए हैं।
रेलवे बोर्ड द्वारा सीबीआई जांच की सिफारिश
इससे पहले, 2 जून को हुई त्रासदी की जांच के सिलसिले में सीबीआई की 10 सदस्यीय टीम मंगलवार को ओडिशा के बालासोर में ट्रेन दुर्घटना स्थल पर पहुंची। सीबीआई उस दुर्घटना की जांच कर रही है जिसमें दो यात्री और एक मालगाड़ी शामिल थी। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को कहा था कि रेलवे बोर्ड ने इस दर्दनाक हादसे की सीबीआई जांच की सिफारिश की है। मंत्री ने यह भी कहा था कि दुर्घटना “इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव” के कारण हुई।
रेलवे हादसे की कर रहा जांच
इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिग्नल तंत्र की एक व्यवस्था है जो पटरियों की व्यवस्था के माध्यम से ट्रेन के सुरक्षित आवागमन की सुविधा प्रदान करती है।इस प्रणाली का उद्देश्य यह है कि जब तक मार्ग सुरक्षित न हो तब तक किसी भी ट्रेन को आगे बढ़ने का संकेत नहीं मिलता है।रेलवे भी हादसे की जांच कर रहा है।बालासोर जिले के बहनागा बाजार स्टेशन पर तीन अलग-अलग पटरियों पर बेंगलुरू-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी में तीन-तरफ़ा दुर्घटना हुई।