प्रवीण तोगड़िया ने आज अनशन तोड़ दिया है। आज किये गये मेडिकल जांच के अनुसार, तोगड़िया का ब्लड प्रेशर और सूगर बढ़ गया था और उन्हें डॉक्टरों ने अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी थी। आपको बता दे कि इससे पहले शिवसेना के नेताओं ने तोगड़िया से अहमदाबाद में अनशन स्थल पर मुलाकात की थी।
तोगड़िया अहमदाबाद के पालड़ी इलाके में विश्व हिंदू परिषद के मुख्यालय डॉ. वणकर भवन के बाहर उपवास पर मंगलवार को बैठे थे। तोगड़िया ने एक बार फिर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की मांग पर जोर देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी कोई निजी दुश्मनी नहीं है और न ही उन्हें प्रधानमंत्री की कुर्सी चाहिए। भाजपा, आरएसएस व विहिप वर्षों से जिन मुद्दों को उठाती रही तथा जो वादे करके सत्ता में आए, उन्हें पूरा किया जाना चाहिए।
तोगड़िया ने कहा इन्हीं मुद्दों को उठाने पर उन्हें विहिप से धक्के मारकर निकाल दिया गया। भावुक अंदाज में कहा कि नौ साल की उम्र में हिंदू समाज के हितों के लिए उन्होंने अपना घर छोड़ दिया था। अहमदाबाद में सर्जन के अच्छे काम व परिवार को छोड़कर वे हिंदुओं के हितों के लिए लड़ते रहे।
तोगड़िया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि पीएम बनने के बाद हिंदुओं से किए गए वादे भूल गए हैं। कांग्रेस सरकार के खिलाफ जब हिंदू हित की आवाज बुलंद करते थे, तब भाजपा को अच्छा लगता था। लेकिन अब वह आंख में चुभ रहे हैं। सत्ता में आने से पहले भाजपा नेता कहते थे कि उनके सत्ता में आते ही हिंदुओं की मांग चुटकियों में हल कर देंगे। आज देश का हिंदू उन्हीं चुटकियों की आवाज सुनने को तरस रहा है।
उन्होंने कहा, वह चाहते हैं कि मोदी सरकार को देशभर में गोहत्या पर रोक लगाने के लिए कानून लाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि तोगड़िया राम मंदिर, गोहत्या पर प्रतिबंध, समान नागरिक संहिता, कश्मीरी पंडितों को फिर से बसाने समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर मंगलवार से अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठे हैं।
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