लुधियाना-अमृतसर: अमूमन सिख धर्म में श्री अकाल तख्त साहिब को सिखों की सर्वोच्च अदालत समझा जाता है और उसके हर हुकमनामे पर सिख पंथ पहरा ठोक कर अमल करता रहा है परंतु अगर कोई सिख श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों का विरोध करता है तो उसे पंथ से छेककर बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है परंतु वर्तमान समय में ऐसे कई उदाहरण मिल रहे है कि श्री अकाल तख्त साहिब के हुकमनामों की परवाह ना करते हुए अपने सियासी फायदे के लिए मनमाफिक निर्णय किए जा रहे है और आम सिख पंथ श्री अकाल तख्त साहिब के हुकमनामे तक को नजरअंदाज कर रहा है। हाल ही में 25 अक्तूबर को दिल्ली स्थित तारकटोरा स्टेडियम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से समृद्ध राष्ट्रीय सिख संगत द्वारा एक धार्मिक समारोह में दर्जनों सिख नेताओं ने अपने-अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ ना केवल शिरकत किया बल्कि श्री अकाल तख्त साहिब के हुकमनामे के प्रति भी लापरवाही दिखाई।
ऐसे सिख नेताओं को सबक सिखाने के लिए सरबत खालसा के जत्थेदारों के साथसाथ अब ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट फैडरेशन ने भी ठान ली है। शनिवार को बाकायदा श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार के नाम पर मांग पत्र सौंपा गया है, जिसमें अकाल तख्त साहिब के हुकमों की उल्लंघना करने वालों के खिलाफ पंथक कार्यवाही की मांग की गई है। स्मरण रहे कि दिल्ली में हुए सिख संगत के समागम में हाल ही में नरेंद्र मोदी के मंत्रीमंडल में शामिल कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह पुरी, नामधारी समुदाय से संबंधित एक ग्रुप के आगु ठाकुर दिलीप सिंह, सुप्रीम कोर्ट की बार एसोसिएशन के प्रधान सुरेंद्र सिंह सूरी, राष्ट्रीय सिख संगत के प्रधान गुरचरण सिंह गिल और पूर्व मंत्री हरशरण सिंह बल्ली, हरविंद्र सिंह लवली और इंद्रप्रीत सिंह बख्शी के अलावा श्री हुजूर साहिब प्रबंधक कमेटी के प्रधान और विधायक तारा सिंह समेत हरियाणा से बख्शीश सिंह भी अपने-अपने समर्थकों के साथ इस समारोह में हाजिर हुए थे। जिक्रयोग है कि राष्ट्रीय सिख संगत द्वारा करवाएं गए इस समारोह से कुछ दिन पहले बाकायदा श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह, एसजीपीसी अध्यक्ष प्रो. कृपाल सिंह बडूंगर समेत शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने इस समारोह से दूरी बनाते हुए 2004 के हुकमनामे का हवाला देकर आम सिखों को वहां ना जाने की हिदायतें दी थी।
– सुनीलराय कामरेड