रायपुर : छत्तीसगढ़ में रमन सरकार ने गरीबों को आवास देने कार्ययोजना को आगे बढ़ा दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आवास योजना के तहत अब नए सिरे से कवायदें हो सकती है। राज्य में चुनावी साल में गरीबों को आवास देने के लिए रमन सरकार करीब साढ़े सात हजार करोड़ रूपए खर्च करने की तैयारी में है।
वहीं इसे लेकर पूरी तरह कार्ययोजना को जल्द से जल्द अमलीजामा पहनाने की तैयारी है। करीब सात लाख से अधिक गरीब परिवारों को इससे फायदा मिलेगा। रमन सरकार की रणनीति कच्चे मकानों में रहने वाले गरीबों के बदले नए सिरे से पक्के मकानों में रहने की व्यवस्था की जाएगी।
हालांकि यह मकान आगामी दो वर्ष में बनकर तैयार होंगे। इसके बावजूद इसके लिए पात्र हितग्राहियों का पंजीयन इसी साल कर दिया जाएगा। सरकार की ओर से कुछ इसी तरह की तैयारी हो रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इस लागत से करीब सात लाख परिवारों को लाभान्वित करने की रणनीति है।
सरकार की इन कवायदों को चुनावी तैयारियों से भी जोड़कर देखा जा रहा है। रमन सरकार ने इसके लिए पहले ही राज्य में ग्रामीण आवास निगम का गठन कर दिया है। निगम के जरिए ही इन आवासों का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। वहीं हितग्राही भी निगम के जरिए ही सभी औपचारिकताएं पूरी करेंगे।
हालांकि मकानों के निर्माण में आने वाले सात हजार चार सौ करोड़ में से राज्य सरकार को केवल 2899 करोड़ ही खर्च करने होंगे। इसके निर्माण के लिए रमन सरकार हुडको और नाबार्ड समेत अन्य वित्तीय संस्थाओं से भी लोन लेगी। दरअसल,
केन्द्र सरकार ने 2022 तक देश भर में एक करोड़ गरीबों को आवास मुहैया कराने का लक्ष्य तय कर कार्ययोजना बनाई है। इनमें करीब सात लाख आवास छत्तीसगढ़ में बनाए जाएंगे। छत्तीसगढ़ में करीब 39 फीसदी गरीब परिवार रहते हैं। इसके लिए वर्ष 10 की जनगणना को आधार बनाया गया है।
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