राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को कहा कि महात्मा गांधी के मूल्य हमारे लिए बेहद प्रासंगिक है क्योंकि उन्होंने हमें सिखाया कि हमारे कार्यों का उद्देश्य दूसरे मनुष्यों की प्रतिष्ठा और नियति को मजबूत करने वाला होना चाहिए। कोविंद ने दयालुता पर आयोजित विश्व युवा सम्मेलन में यह टिप्पणियां कीं।
यूनेस्को, महात्मा गांधी शांति और सतत विकास शिक्षा संस्थान ने यह सम्मेलन आयोजित किया। कोविंद ने कहा, ‘‘अब से कुछ सप्ताह बाद दो अक्टूबर को हम अपने राष्ट्रपिता की 150वीं जयंती मनाएंगे। उनके मूल्य हमारे लिए काफी प्रासंगिक है। गांधी का जन्म भारत में हुआ लेकिन उनका संबंध पूरी मानवता से है।
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उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने हमें सिखाया कि हमारे कार्यों का उद्देश्य अंतत: अन्य मनुष्यों की प्रतिष्ठा और नियति को मजबूत करने वाला होना चाहिए।’’ ‘वसुदैव कुटुम्बकम (समकालीन भारत के लिए गांधी) महात्मा गांधी की 150वीं जयंती का जश्न’ विषय पर आयोजित हुए इस सम्मेलन में एशिया, अफ्रीका, लातिन अमेरिका और यूरोप समेत 27 से अधिक देशों के तकरीबन 1,000 युवाओं ने भाग लिया।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मेरे लिए वह वर्ग और नस्ल की सीमाओं से परे ‘प्रयोगात्मक गांधी’ हैं। एक ‘रचनात्मक गांधी’ जिन्होंने नमक को जन आंदोलन के एक शक्तिशाली प्रतीक में बदल दिया। और एक ‘दृढ़ गांधी’, जिन्होंने अपने दुबले शरीर के साथ हिंसा के व्यापक अंधेरे के बीच सच के चिराग के साथ भारत के गांवों की यात्रा की जिससे हमें आजादी मिली।’’