राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीन तलाक पर रोक संबंधी अध्यादेश सहित चार अध्यादेशों पर शुक्रवार को हस्ताक्षर कर दिये। विधि एवं न्याय मंत्रालय की ओर से दी गयी जानकारी के अनुसार राष्ट्रपत ने तीन तलाक पर रोक संबंधी मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) दूसरा अध्यादेश, 2019, भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) दूसरा अध्यादेश, 2019, कंपनी (संशोधन) दूसरा अध्यादेश, 2019 तथा पोंजी बचत योजनाओं पर रोक संबंधी अध्यादेश, 2019 को मंजूरी दे दी है।
मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण अध्यादेश, 2019 के प्रावधानों को बनाये रखने के लिए दूसरी बार अध्यादेश लाया गया है। इसके जरिये तीन तलाक को अमान्य और गैर-कानूनी करार दिया गया है। इसे एक दंडनीय अपराध माना गया है, जिसके तहत तीन साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
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विवाहित मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के उद्देश्य से लाया गया यह अध्यादेश उन्हें उनके पतियों द्वारा तात्कालिक एवं अपरिवर्तनीय ‘तलाक-ए-बिद्दत‘ के जरिये तलाक दिए जाने को रोकेगा।
इससे संबंधित विधेयक लोकसभा में पिछले साल पारित हो गया था, लेकिन राज्यसभा में सहमति न बन पाने के कारण पारित नहीं हो पाया था, जिसकी वजह से सरकार को अध्यादेश लाना पड़ था।
इसके बाद बजट सत्र में सरकार ने इस विधेयक में कुछ संशोधन कर इसे लोकसभा से फिर पारित करवा लिया था, लेकिन ऊपरी सदन में यह फिर लटक गया। इसके मद्देनजर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फिर से अध्यादेश लाने का निर्णय लिया था और इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा।