राज्यसभा में कृषि संबंधी दो विधेयकों के पारित होने के बाद विपक्ष के तरफ से लगातार विरोध जारी है। विधेयकों को सहमति नहीं देने की मांग को लेकर विपक्षी दल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने के लिए समय की मांग की थी। वहीं अब मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रपति भवन ने विपक्षी दलों को कृषि बिलों को लेकर राष्ट्रपति कोविंद से मिलने के लिए शाम 5 बजे का समय दिया है। कोविड प्रोटोकॉल के कारण केवल पांच विपक्षी नेताओं को मिलने की अनुमति है।
विपक्षी दलों ने पहले इस मुद्दे पर राष्ट्रपति से समय की मांग की थी। इस बीच विपक्षी दल संसद परिसर में संयुक्त रूप से कृषि बिलों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद , TMC से डेरेक ओ’ब्रायन और NCP से प्रफुल्ल पटेल व अन्य नेता भी उपस्थित हैं।
बता दें कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने राज्यसभा से निलंबित आठ सांसदों के निलंबन को रद्द करने और हाल ही में पारित कृषि सुधार विधेयक में संशोधन की मांग को लेकर बुधवार को सदन से बहिर्गमन किया। गौरतलब है कि राज्यसभा में कृषि संबंधी दो विवादास्पद विधेयकों के हंगामे में पारित होने के एक दिन बाद कई विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अनुरोध किया है कि वह इन दोनों प्रस्तावित कानूनों पर हस्ताक्षर नहीं करें।
इसके अलावा सरकार ने ‘‘जिस तरीके से अपने एजेंडा को आगे बढ़ाया है’’, उसके बारे में भी विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा है। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस, वाम दलों, राकांपा, द्रमुक, सपा, तृणमूल कांग्रेस और राजद सहित विभिन्न दलों के नेताओं ने राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में इस मामले में उनसे हस्तक्षेप करने और विधेयकों पर हस्ताक्षर नहीं करने का अनुरोध किया है। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद ही विधेयक कानून बन सकता है। सरकार दोनों विधेयकों को कृषि क्षेत्र में सबसे बड़ा सुधार बता रही है। राज्यसभा ने रविवार को भारी हंगामे के बीच दोनों विधेयकों को ध्वनिमत से पारित कर दिया।