राज्यसभा चुनाव ( Rajya Sabha Election) के तुरंत बाद ही अब राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ने लगी है। 18 जुलाई को मतदान और 21 जुलाई को काउंटिंग का ऐलान होते ही नेताओं के घरों की फोन की घंटियां बजने लगीं और मंथन शुरू हो गया। इसी बीच राष्ट्रपति चुनाव (presidential election) के उम्मीदवार को लेकर सभी राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श कर आम राय बनाने की जिम्मेदारी भाजपा ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा(JP Nadda) और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh)को सौंपी है। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरूण सिंह (Arun Singh) ने एक लेटर जारी कर इस बात की जानकारी दी हैं।
विचार-विमर्श कर राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर आम राय बनाने की कोशिश करेंगे
नड्डा और राजनाथ सिंह, इन दोनों नेता NDA के सभी सहयोगी दलों के साथ-साथ कांग्रेस समेत यूपीए गठबंधन में शामिल सभी राजनीतिक दलों के अलावा अन्य राजनीतिक दलों और निर्दलीयों के साथ भी विचार-विमर्श कर राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर आम राय बनाने की कोशिश करेंगे। साथ ही राष्ट्रपति चुनाव को लेकर शीघ्र ही विचार-विमर्श की प्रक्रिया को शुरू करेंगे।
25 जुलाई को खत्म हो रहा रामनाथ कोविंद का कार्यकाल
18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग होनी है, वहीं 21 जुलाई को नतीजे आएंगे। संविधान के नियमों के अनुसार देश में मौजूदा राष्ट्रपति का कार्यकाल खत्म होने से पहले अगले राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए। देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 25 जुलाई को खत्म हो रहा है।
पिछले राष्ट्रपति चुनाव में NDA का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था
NDA बहुमत के आंकड़े से बेहद करीब है। उसे बीजेडी के नवीन पटनायक और वायएसआरसी के जगनमोहन रेड्डी के समर्थन की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) नवीन पटनायक एवं जगन मोहन रेड्डी से मुलाकात भी कर चुके हैं।हालांकि, दोनों ने ही उम्मीदवार का नाम सामने आने के बाद ही समर्थन पर फैसला करने के लिए कहा है। पिछले राष्ट्रपति चुनाव में NDA का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था। रामनाथ कोविंद को 65.35% वोट मिले थे। इस बार भी NDA इसे दोहराने की कोशिश में है।
राष्ट्रपति चुनाव में कौन मतदान करता हैं
राष्ट्रपति का चुनाव में लोकसभा, राज्यसभा के सभी सांसद और सभी राज्यों के विधायक वोट डालते हैं। इन सभी के वोट की अहमियत यानी वैल्यू अलग-अलग होती है। यहां तक कि अलग-अलग राज्य के विधायक के वोट की वैल्यू भी अलग होती है। एक सांसद के वोट की कीमत 700 होती है। वहीं, विधायकों के वोट की वैल्यू उस राज्य की आबादी और सीटों की संख्या पर निर्भर होती है।