राष्ट्रपति पद के वास्ते हुए चुनाव के लिए मतगणना की प्रक्रिया बृहस्पतिवार सुबह संसद परिसर में शुरू की गई। अधिकारी अभी विभिन्न राज्यों के मतपत्रों की छंटाई कर रह हैं। सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से द्रौपदी मुर्मू, जबकि विपक्ष की तरफ से यशवंत सिन्हा उम्मीदवार हैं।
केरल व मेघालय की मतपेटिया को छांटा गया
औपचारिक मतगणना शुरू होने से पहले विभिन्न राज्यों के सांसदों के हरे रंग के मतपत्रों की छंटाई की जाएगी। वर्णानुक्रम के अनुसार, केरल और मेघालय सहित विभिन्न राज्यों के मतपेटियों को छांटा गया है।वहीं, विधायकों ने हरे रंगे के मतपत्र पर वोट डाला था।देश के 15वें राष्ट्रपति के चयन के लिए मतदान 18 जुलाई को हुआ था।
रास सचिव की निगरानी में होगी मतगणना
मतगणना संसद परिसर में राज्य सभा के सचिव जनरल पी.सी. मोदी की निगरानी में होगी, जो मुख्य निर्वाचन अधिकारी हैं। चुनाव आयोग ने मतगणना के लिए सहायक निर्वाचन अधिकारी और पर्यवेक्षक भी तैनात किए हैं।
आपको बता दे की आजादी के बाद भारत के इतिहास में पहली बार कोई आदिवासी महिला के देश के सर्वोच्च पद पर विराजमान होने जा रही हैं। राष्ट्रपति चुनाव में जंहा राजग एकजुट नजर आय़ा वहीं बिखर गया। गैर राजग दलों ने भी द्रौपदी मुर्मू को बिना शर्त समर्थन दिया हैं। बताया जा रहा हैं कि भाजपा द्रौपदी मुर्मू की जीत के जश्न में आदिवासी ईलाकों पर अपनी सियासी पकड़ को मजबूत बनाएगी। दिल्ली की सत्ता में बैठने के लिए आदिवासी रिजर्व सीटों को जीतने की चुनौती अपूर्ण होती हैं। लोकसभा में करीब 40 सीटें आदिवासी समूह के लिए रिजर्व हैं। जो सत्ता बनाने के लिए सबसे अहम हैं, आगामी दिनों में कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में आदिवासी ईलाकों का अहम रोल होगा। राजस्थान , गुजरात , छत्तीसगढ़ में आदिवासी लोगों के एकतरफा झुकाव से सरकार आसानी से बन जाती हैं । इसलिए भाजपा ने अपनी रणनीती को खुले तौर आगामी चुनावों के लिए स्पष्ट कर दिया हैं ।