नई दिल्ली : राष्ट्रपति पद के लिये आज हो रहे मतदान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मतदान किया। प्रधानमंत्री ने संसद भवन में स्थित मतदान केंद्र में मतदान किया। राष्ट्रपति पद के लिये हो रहे मतदान में मुकाबला राजग उम्मीदवार रामनाथ कोविंद और कांग्रेस नीत विपक्षी उम्मीदवार मीरा कुमार के बीच है। मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल आगामी 25 जुलाई को पूरा हो रहा है।
प्रधानमंत्री के अलावा मतदान करने वालों में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी प्रमुख हैं। अमित शाह गुजरात के अहमदाबाद क्षेत्र के नारनपुरा सीट से विधायक हैं। राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने वाले अन्य प्रमुख लोगों में भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार, बसपा प्रमुख मायावती शामिल हैं। अभिनेता एवं सांसद परेश रावल एवं हेमा मालिनी ने भी आज सुबह मतदान किया।
आपको पता है कि देश में राष्ट्रपति का चुनाव आम प्रक्रिया के तहत नहीं किया जाता, इसके लिए एक खास प्रक्रिया को अपनाया जाता है जिसे इलेक्ट्रॉल कालेज कहते हैं। इस प्रक्रिया में जनता सीधे अपने राष्ट्रपति का नहीं चुनती, बल्कि उसके द्वारा चुने गए विधायक और सांसद मिलकर राष्ट्रपति का चुनाव करते हैं। आइए आपको बताते हैं क्या है राष्ट्रपति चुनाव की यह प्रक्रिया और कैसे चुना जाता है देश का राष्ट्रपति। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फिलहाल लोकसभा के सांसद हैं। उनके अलावा केशव प्रसाद मौर्या और गोवा के सीएम बन चुके मनोहर पार्रिकर भी फिलहाल सांसद हैं। लिहाजा उनके वोट की कीमत ज्यादा है और वह वोट भी वहीं डालेंगे।
ये है चुनाव प्रकिया
राष्ट्रपति चुनाव में देश के सभी विधायक और सांसद मतदान करते हैं। चुनाव में जीत के लिए कुल 5.49 लाख मूल्य के वोटों की दरकरार होती है। चुनाव में प्रत्येक विधायक और सांसद के मत का वेटेज निर्धारित होता है। इसका गणित प्रत्येक राज्य की आबादी और उसके कुल विधायकों के अनुपात से निकाला जाता है। इसका हिसाब साल 1971 में हुई जनगणना से लगाया जाता है, जो साल 2026 तक चलेगा। मसलन 1971 की जनगणना के अनुसार मध्यप्रदेश की आबादी 30,017,180 थी, और राज्य के कुल विधायकों की संख्या 230 है।
अब इन विधायकों के वोटों का गणित निकालने के लिए 30,017,180 की संख्या को 230 से भाग दिया जाता है। जो संख्या आती है उसे फिर 1000 से भाग किया जाता है। इससे जो संख्या निकलकर आती है वो उस राज्य के विधायकों के वोटों का मूल्य माना जाता है। इसी तरह सभी राज्यों की आबादी के हिसाब से प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के विधायकों का वोट मूल्य तय कर लिया जाता है। सांसदों के वोटों का मूल्य निकालने के लिए देश के सभी विधायकों के कुल मूल्य से भाग कर दिया जाता है जो संख्या निकलकर आती है वो सांसद के वोट का मूल्य होता है।
कैसे होती है वोटिंग
- देश के इलेक्ट्रॉरल कालेज के कुल सदस्यों का कुल वोट मूल्य 10,98,882 है। राष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए 5,49,442 वोट की दरकरार होती है।
- वोटिंग के दौरान प्रत्येक सदस्य को बैलेट पेपर पर अपनी पहली दूसरी और तीसरी पसंद के उम्मीदवार की जानकारी देनी होती है।
- इसके बाद पहली वरीयता के वोट गिने जाते हैं, इस प्रक्रिया से ही अगर निर्धारित 5,49,442 वोटों की संख्या पूरी हो जाती है तो चुनाव पूरा माना जाता है और अगर पहली वरीयता के वोट पूरे नहीं पड़ते हैं तो दूसरी वरियता के वोटों की गिनती होती है।
क्या है मौजूदा पार्टियों का गणित
- मौजूदा चुनाव में कुल 4120 विधायक और लोकसभा-राज्यसभा के 776 सांसद वोट डालेंगे।
- फिलहाल केंद्र में सत्तारूढ़ एनडीए के सांसद और विधायकों के हिसाब से कुल 532019 वोट हैं।
- जीत के लिए उसे कुल 549442 वोटों की जरूरत है जिसमें उसके पास 17423 वोट कम हैं।
यात्री की तरह सफर कर दिल्ली पहुंचेंगे बैलट बॉक्स
राष्ट्रपति चुनाव के लिए सोमवार को सचिवालय में होने वाले मतदान के बाद मतों की गणना के लिए मतपेटिका (बैलट बॉक्स) हवाई जहाज से यात्री की तरह सफर कर दिल्ली पहुंचेगी। इसके लिए हवाई जहाज में मतपेटिका के लिए सीट आरक्षित की जाएगी। राष्ट्रपति चुनाव के लिए दिल्ली के अलावा राज्यों की राजधानी में वोट डाले जाएंगे। राष्ट्रपति चुनाव के लिए सोमवार को सचिवालय के तिलक हॉल में सुबह 10 से शाम पांच बजे तक मतदान होगा। मतों की गिनती दिल्ली में होगी। मतदान के बाद वोटों से भरा बैलट बॉक्स हवाई जहाज से दिल्ली ले जाया जाएगा। फर्क यह होगा कि यह बैलट बॉक्स हवाई जहाज के यात्रियों के सामान के साथ कार्गो कंटेनर में नहीं रखा जाएगा।
विधायकों, सांसदों को हॉल के अंदर पेन/पेंसिल व मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं
बैलट बॉक्स को हवाई जहाज से दिल्ली जाने वाले भारत निर्वाचन आयोग के प्रतिनिधि अपनी बगल की सीट पर रखकर ले जाएंगे। राष्ट्रपति चुनाव के लिए शनिवार को सचिवालय में मतदान की तैयारियां होती रहीं। राजधानी में चुनाव के लिए रिटर्निंग अफसर बनाए गए प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप दुबे ने मतदान की तैयारियों का जायजा लिया। मतदान के लिए आने वाले विधायकों और सांसदों को हॉल के अंदर पेन/पेंसिल व मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। बैलट पेपर पर मतदान अंकित करने के लिए निर्वाचन आयोग विधायकों और सांसदों को मतदान स्थल पर खास किस्म का पेन मुहैया कराएगा, जिसकी स्याही बैंगनी रंग की होगी। राज्यसभा व लोकसभा के सदस्यों को लखनऊ में वोट डालने के लिए निर्वाचन आयोग की पूर्वानुमति लेनी होगी।