प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारामण की उनके दूसरे बजट को पेश करने के लिए सराहना की और इसे ‘विजनरी’ और ‘एक्शन से भरपूर’ बताया।
सरकार के लिए बेरोजगारी एक बड़ी चिंता है, जिसके लिए सरकार को विपक्ष की ओलाचना झेलनी पड़ रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘रोजगार के मुख्य क्षेत्र कृषि, अवसंरचना, कपड़ा और प्रौद्योगिकी हैं। रोजगार सृजन करने के लिए, इन चार क्षेत्रों पर इस बजट में जोर दिया गया है।’
उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयास के तहत, 16 एक्शन प्वाइंट का निर्माण किया गया है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाने का काम करेगा।
मोदी ने कहा, ‘इस बजट में कृषि के लिए समेकित पहल को अपनाया गया है, जोकि पारंपरिक पद्धतियों के साथ मत्स्यपालन, पशुपालन और बागवानी की क्षमता को बढ़ाएगा और इससे रोजगार का भी सृजन होगा।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमने प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में रोजगार सृजन के लिए इस बजट में कई विशेष प्रयास किए हैं। नए स्मार्ट सिटीज, इलेक्ट्रोनिक विनिर्माण, डेटा सेंटर पार्को, जैव प्रौद्योगिकी और क्वांटम प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों के लिए कई नीतिगत पहलों की शुरुआत की गई है।’
उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से भारत ग्लोबल वैल्यू चैन का महत्वपूर्ण भाग बन सकता है। यह कुछ ऐसा है, जिसके बारे में आर्थिक सर्वेक्षण में भी चर्चा होगी।
मोदी ने कहा, ‘लाभांश वितरण कर को हटाने की वजह से, अब 25,000 करोड़ रुपये कंपनियों के पास पहुंचेंगे, जोकि उन्हें अन्य जगह पर निवेश करने में मदद करेगा।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में बाहर से निवेश करने के लिए कई तरह के कर छूट प्रदान किए गए हैं और इसके अलावा स्टार्ट-अप्स और रियल इस्टेट के सेक्टर को कर लाभ दिया गया है।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन पर लगातार विश्वास करते हुए आगे बढ़ रही है।