भारत सरकार द्वारा 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाये जाने के कुछ दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को स्टार्ट-अप तथा तकनीकी क्षेत्र के लोगों को ‘आत्मनिर्भर भारत ऐप नवप्रवर्तन चुनौती’ में भाग लेने को आमंत्रित किया। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री ने भारतीय ऐप निर्माताओं और नवोन्मेषकों को प्रोत्साहित करने के लिए इसकी शुरुआत की है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा कि इससे ‘आत्मनिर्भर ऐप पारिस्थितिकी तंत्र’ बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने लिंक्डइन पर एक लेख में कहा, ‘‘कौन जानता है कि मैं भी आपके बनाये कुछ ऐप का इस्तेमाल कर सकता हूं।’’ मोदी ने कहा कि आज प्रौद्योगिकी और स्टार्ट-अप समुदाय में विश्वस्तरीय ‘भारत निर्मित ऐप’ बनाने को लेकर अपार उत्साह है।
PM @narendramodi launches Aatma Nirbhar Bharat App Innovation Challenge to encourage Indian app developers and innovators.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) July 4, 2020
Join this initiative to create world class apps from India. https://t.co/l61oXkVRj4
प्रधानमंत्री ने लिंक्डइन की पोस्ट के लिंक को साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘उनके विचारों और उत्पादों को स्थान देने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, अटल नवप्रवर्तन मिशन के साथ मिलकर ‘आत्मनिर्भर भारत ऐप नवप्रवर्तन चुनौती’ को शुरू कर रहा है।
मोदी ने देशवासियों को ‘आत्मनिर्भर भारत’बनाने का आह्वान किया था और लोगों से स्थानीय उत्पादों पर जोर देने को कहा था। उन्होंने कहा कि ऐप नवोन्मेष चुनौती उन लोगों के लिए है जिनके पास ऐसा कोई उत्पाद है या उन्हें लगता है कि उनके पास ऐसे उत्पाद बनाने की सोच और विशेषज्ञता है। उन्होंने लेख में कहा, ‘‘मैं प्रौद्योगिकी क्षेत्र के अपने सभी मित्रों से इसमें भाग लेने का आग्रह करता हूं।’’
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मोदी ने कहा कि भारत में एक गतिशील प्रौद्योगिकी और स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र है जिसने भारत को राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया है।
उन्होंने कहा कि देश के युवाओं ने सभी क्षेत्रों में तकनीकी समाधान मुहैया कराने में श्रेष्ठ काम किया है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी ने बड़ा अवरोध भी पैदा किया है, जिससे प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से निपटा जा रहा है।इन दिनों हम स्टार्ट-अप और प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र में स्वदेशी ऐप के बारे में नयी सोच के साथ काम करने, उन्हें विकसित करने और प्रचारित करने के लिए बड़ी दिलचस्पी और उत्साह देख रहे हैं।’’
मोदी ने लिखा, ‘‘आज जब पूरा देश आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में काम कर रहा है, तो उनके प्रयासों को दिशा देने, उनके परिश्रम को गति प्रदान करने और प्रतिभा को मार्गदर्शन देने का सही अवसर है ताकि वे ऐसे ऐप विकसित कर सकें जो हमारे बाजार को संतुष्ट करें और साथ ही दुनिया से स्पर्धा करें।’’
उन्होंने कहा कि यह चुनौती दो स्तर में होगी। एक मौजूदा ऐप का प्रचार करने में और दूसरे नये ऐप विकसित करने में। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस चुनौती का परिणाम मौजूदा ऐप को उनके लक्ष्य हासिल करने के लिहाज से बेहतर दृष्टि और स्पष्टता प्रदान करना है।
उन्होंने कहा, ‘‘क्या हम ऐप के माध्यम से परंपरागत भारतीय खेलों को और अधिक लोकप्रिय बनाने के बारे में सोच सकते हैं? क्या हम प्रशिक्षण, गेम के लिए सही आयु वर्ग के लिहाज से लक्षित पहुंच वाले ऐप विकसित कर सकते हैं? क्या हम लोगों को पुनर्वास में या परामर्श देने के लिए गेम वाले ऐप विकसित कर सकते हैं? ऐसे कई सवाल हैं और रचनात्मक तरीके से केवल प्रौद्योगिकी इनका जवाब दे सकती है।’’ मोदी ने कहा कि इस चुनौती को सरकार और प्रौद्योगिकी समुदाय दोनों मिलकर संचालित करेंगे।
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