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प्रधानमंत्री को बोलना चाहिए ‘न खरीदूंगा, न खरीदने दूंगा’ : कांग्रेस 

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कर्नाटक विधानसभा में शक्ति परीक्षण से पहले कांग्रेस ने सदन की कार्यवाही के लाइव प्रसारण के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई और कहा कि प्रधानमंत्री को स्पष्ट रूप से कहना चाहिए कि ‘न खरीदूंगा और न खरीदने दूंगा।’ पार्टी ने इस बात को खारिज कर दिया कि विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष केजी बोपैया को हटाने की उसकी मांग को न्यायालय द्वारा खारिज करना उसके लिए बड़ा झटका है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि उनकी पार्टी विश्वास प्रस्ताव पर मतदान की प्रक्रिया में पारदर्शिता चाहती थी और यह लाइव प्रसारण से सुनिश्चित हो जाएगा।

सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा, ”बोपैया के पहले के रिकॉर्ड को देखते हुए हम नहीं चाहते थे कि वह अस्थायी अध्यक्ष हों। लेकिन न्यायालय ने कहा कि अगर आप विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष को बदलना चाहते हैं तो इस बारे में फैसला करने से पहले दूसरे पक्ष को नोटिस देना होगा और उनको भी सुनना होगा। ऐसे में सुनवाई स्थगित करनी होगी। इसके बाद किसी व्यावहारिक समाधान के बारे में सोचा गया और फिर सदन की कार्यवाही के लाइव प्रसारण का आदेश हुआ।”

उन्होंने कहा, ”हम खुश हैं कि सारी प्रक्रिया पारदर्शी ढंग से होगी। जो जीतेगा वही सिकंदर है।” सिब्बल ने कहा, ”प्रधानमंत्री जी हमेशा कहते हैं कि न खाऊंगा न खाने दूंगा। लेकिन आज उनको यह कहना चाहिए कि न खरीदूंगा न खरीदने दूंगा।” उन्होंने कहा, ”हमारे पास 116 विधायक हैं। अगर तोड़ेगा तो कौन तोड़ेगा, इसमें कोई शक नहीं है। कैसे तोड़ेगा इसमें कोई शक नहीं है। इसी को देखते हुए पारदर्शिता चाहते थे।”

पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ”जब किसी की निष्पक्षता पर संदेह हो तो फिर उस पर किसी न किसी तरह की निगरानी होनी चाहिए। जब न्यायाधीशों की ओर से कार्यवाही के लाइव प्रसारण की बात सामने आई तो हमारी चिंताओं का समाधान हो गया।” उन्होंने कहा, ”हम विश्वास प्रस्ताव पर जल्दी मतदान चाहते थे, इसलिए हमने याचिका में दूसरी बातों पर जोर नहीं दिया।”

सिंघवी ने कहा, ”पिछले तीन दिनों में हमारी उपलब्धि यह है कि आज विश्वास प्रस्ताव पर मतदान होगा, गुप्त मतदान की मांग खारिज हो गई और ‘एक दिन के सुल्तान’ येदियुरप्पा के नीतिगत फैसले पर भी रोक लगी है।” न्यायालय के आदेश के मुताबिक येदियुरप्पा को आज सदन में बहुमत साबित करना होगा।

गौरतलब है कि राज्य में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है । प्रदेश की 224 सदस्यीय विधानसभा में 222 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा को 104, कांग्रेस को 78 और जद एस+ को 38 सीटें मिली हैं। फिलहाल, बहुमत के लिए जादुई आंकड़ा 111 है क्योंकि कुमारस्वामी दो सीटों से चुनाव जीते हैं।

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