रायपुर : छत्तीसगढ़ में रमन सरकार ने केन्द्र सरकार के प्रोजेक्ट और संकल्पना को आगे बढ़ाने में सफलता हासिल की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल को आगे बढ़ाते हुए नैसर्गिक खनिज संपदाओं के दोहन में भी राज्य सरकार देश में सबसे आगे हो गई है। खनन की स्थिति में प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के हितों के लिए विकास को लेकर नए आयाम स्थापित किए हैं।
केन्द्र सरकार ने भी राज्य सरकार के इन प्रयासों को सराहते हुए एक तरह से रोल माडल और अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय माना है। प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के तहत राज्य सरकार ने सभी जिलों में खनिज न्यास गठित कर विकास कार्यों को अमलीजामा पहनाने की शुरूआत की है। जिलों में खनिज न्यास संस्थान स्थापित होने के बाद से ही बेहतर नतीजे सामने आए हैं।
स्थापना के बाद अल्प समय में ही राज्य के सभी जिलों में न्यास के जरिए 2600 करोड़ रूपए के 23 हजार कार्यों को मंजूरी देकर कीर्तिमान स्थापित कर लिया है। सूत्रों के मुताबिक इनमें भी करीब छह हजार करोड़ से अधिक के कार्य अब तक पूरे कर लिए गए हैं। न्यास की निधि का उपयोग वनांचल समेत प्रभावित ईलाकों में मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने में खर्च करने की पहल हुई है।
इसमें प्रभावित क्षेत्रों में सड़क, पेयजल और बिजली के साथ शिक्षा और कृषि पर भी जोर दिया गया है। इधर न्यास की राशि से ही भौतिक अधोसंरचना को लेकर भी पहल हुई है। यही वजह है कि ज्यादातर प्रभावित क्षेत्रों में नए सिरे से विकास कार्यों की शुरूआत हुई है।
सरकार का दावा है कि इस निधि से विकास के साथ ही संबंधित क्षेत्रों के लोगों और प्रभावित परिवारों को रोजगार के अवसर भी मिलने लगे हैं। दरअसल, राज्य सरकार ने खनिज से संबंधित प्रशासकीय कार्यों में पारदर्शिता पर जोर दिया है। राज्य में खनिज संसाधनों की प्रचुरता और भंडार होने की वजह से भी राज्य एक तरह से आर्थिक तौर पर अधिका संपन्न माना जाता है। खनिज न्यास के फायदे अब फील्ड में भी नजर आने लगे हैं।
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