कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी पर काबू पाने में लगी केंद्र सरकार ने बढ़ते आर्थिक बोझ को देखते हुए अपने खर्चों में कटौती करनी शुरू कर दी है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते की नई किस्तों पर एक जुलाई 2021 तक के लिए रोक लगा दी है।
वित्त मंत्रालय ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कोविड- 19 महामारी के कारण सरकार के खजाने पर बढ़ते दबाव के चलते केंद्र ने एक जनवरी 2020 से लेकर एक जुलाई 2021 के बीच दिए जाने वाले महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की किस्तों के भुगतान पर रोक लगाने का फैसला किया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस कदम से सरकार को चालू वित्त वर्ष 2020-21 और अगले वित्त वर्ष 2021-22 में कुल मिलाकर 37,530 करोड़ रुपये की बचत होगी। हालांकि, कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई भत्ते के मौजूदा स्तर पर भुगतान होता रहेगा। इस फैसले से 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनभोगियों पर असर पड़ेगा।
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सूत्रों का कहना है कि आमतौर पर इस मामले में राज्य सरकारें भी केंद्र सरकार का अनुसरण करतीं हैं। यदि राज्य सरकारें भी इस अवधि के दौरान कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते और पेंशनभागियों की महंगाई राहत की तीन किस्तों का भुगतान नहीं करती हैं तो उन्हें भी 82,566 करोड़ रुपये तक की बचत होगी। कुल मिलाकर केंद्र और राज्यों के स्तर पर इससे 1.20 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी जिससे कोविड-19 के खिलाफ जारी लड़ाई में मदद मिलेगी।