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कृषि कानून : किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी, सिंघु बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात

कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर हो रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है। वहीं कृषि कानूनों के खिलाफ नोएडा के राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है।

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है। दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं वो डटे रहेंगे। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हमारे पास 3-4 महीने का राशन है, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी, हम हटने वाले नहीं हैं।”
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कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर हो रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है। वहीं कृषि कानूनों के खिलाफ नोएडा के राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। बिजनौर से एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हम पंजाब के किसानों के समर्थन में आए हैं, जब तक कानून वापस नहीं होते हम नहीं जाएंगे।”
सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसान प्रदर्शनकारी डटे हुए हैं। एक किसान प्रदर्शनकारी ने बताया, “इन कानूनों को रद्द करने के लिए सभी राज्यों के किसान संगठनों को बुलाया जाए, प्रधानमंत्री खुद मीटिंग लें और कानूनों को रद्द करने का निर्णय लें।”
सरकार के साथ बृहस्पतिवार को बातचीत एक बार फिर बेनतीजा रहने के बाद, प्रदर्शन कर रहे किसानों के संगठन आगे की कार्रवाई को लेकर आज बैठक करेंगे। उत्तर प्रदेश के प्रदर्शनकारी किसानों ने ‘यूपी गेट’ के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-9 को जाम कर दिया है। वहीं पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली आने वाले दूसरे प्रवेश मार्गों पर डटे हैं। किसान संगठनों और केन्द्र के बीच अगले दौर की बातचीत शनिवार को हो सकती है। 
प्रदर्शन के शुक्रवार को नौवें दिन भी जारी रहने के मद्देनजर सिंघु, टिकरी, चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर पर अब भी सुरक्षा कर्मी तैनात हैं। इस बीच, दिल्ली पुलिस ने शहर में आवाजाही के लिए लोगों को अन्य वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है। दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्वीट कर लोगों को सिंघु, लम्पुर, औचंदी, साफियाबाद, पियाओ मनियारी और सबोली बॉर्डर बंद होने की जानकारी दी। उसने यह भी बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग-44 दोनों ओर से बंद है। उसने लोगों से राष्ट्रीय राजमार्ग-8, भोपुरा, अप्सरा बॉर्डर और पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से होकर दूसरे मार्गों से जाने को कहा है। 
दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्वीट किया, ‘‘ मुकरबा चौक और जीटीके रोड पर मार्ग परिवर्तित किया गया है। बाहरी रिंग रोड, जीटीके रोड, एनएच-44 पर जाने से बचें।’’ पुलिस के अनुसार टिकरी और झाड़ोदा बॉर्डर हर तरह के यातायात के लिए बंद है। बडोसराय बॉर्डर केवल कार और दो-पहिया जैसे हल्के वाहनों के लिए खुला है। झटीकरा बॉर्डर केवल दो-पहिया वाहनों के लिए खुला है। 
पुलिस ने कहा कि हरियाणा जाने के लिए ढांसा, दौराला, कापसहेड़ा, रजोकरी एनएच-8, बिजवासन/ बजघेड़ा, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर खुले हैं। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘ गौतमबुद्ध नगर के पास किसानों के प्रदर्शन के कारण ‘नोएडा लिंक रोड’ पर चिल्ला बॉर्डर बंद है। लोगों को दिल्ली जाने के लिए ‘नोएडा लिंक रोड’ से बचने और डीएनडी का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया जाता है।’’ 
प्रदर्शन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग-24 पर गाजीपुर बॉर्डर बंद होने के कारण पुलिस ने गाजियाबाद से दिल्ली आ रहे लोगों से अप्सरा या भोपुरा बॉर्डर या दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट (डीएनडी) एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल करने को कहा है। प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कृषि कानून को वापस ना लिए जाने पर दिल्ली आ रहे अन्य मार्गों को भी जाम करने की बुधवार को चेतावनी दी थी।
बता दें कि किसान आंदोलन को सुलझाने के लिए विज्ञान भवन में गुरुवार को हुई चौथे दौर की बैठक भले किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी, लेकिन मांगों को लेकर सरकार का रुख पहले से नरम हुआ है। तीनों कानूनों को लेकर किसानों के तेवर को देखते हुए केंद्र सरकार कई विषयों पर विचार करते हुए बीच का रास्ता निकालने की दिशा में आगे बढ़ गई है। कानून सरकार भले वापस नहीं लेगी, लेकिन किसानों की जिद को देखते हुए कुछ पहलुओं पर नए उपाय करने की तैयारी है।
गुरुवार को सकारात्मक माहौल में देर तक चली बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि पांच दिसंबर की बैठक निर्णायक होने वाली है। उधर, किसान नेताओं ने आईएएनएस से स्पष्ट कहा है कि उन्हें बीच का रास्ता नहीं चाहिए, बल्कि वे तीनों कानूनों को वापस लिए जाने तक आंदोलन चलाएंगे।

साढ़े सात घंटे तक चली किसानों और सरकार के बीच बैठक बेनतीजा, अब 5 दिसंबर को अगली वार्ता

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