केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना संक्रमण से उबरे व्यक्तियों में बाद में आयी स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए रविवार को उनके लिए नया प्रोटोकॉल जारी करते हुए उन्हें कोविड-19 अनुकूल व्यवहार का पालन करने, चिकित्सक के संपर्क में रहने, योग करने और चिकित्सक के परामर्श से रोज सुबह च्यवनप्राश खाने की सलाह दी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज जारी प्रोटोकॉल में कई नसीहतें दी हैं लेकिन साथ ही यह स्पष्ट किया है कि कोई भी व्यक्ति इसे कोरोना संक्रमण से बचाव या कोरोना संक्रमण के उपचार के तरीके से रूप में न लें। यह प्रोटोकॉल विशेषकर कोरोना संक्रमण मुक्त व्यक्तियों के लिए तैयार किया गया है। मंत्रालय ने कहा कि कोरोना संक्रमण से मुक्त होने वाले व्यक्तियों को थकान, बदन दर्द, खांसी, गले की खराश और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
अभी तक कोरोना संक्रमण मुक्त व्यक्तियों को बाद में आने वाली शारीरिक तकलीफों की सीमित जानकारी उपलब्ध है और इस दिशा में अभी शोध किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण को मात देने वाले व्यक्तियों के लिए बाद में उनकी देखभाल और बेहतरी के लिए कुछ नियमों का पालन जरूरी है, जिसे देखकर यह प्रोटोकॉल तैयार किया गया है। मंत्रालय ने इसके लिए व्यक्तिगत स्तर, सामुदायिक स्तर और हेल्थकेयर फैसिलिटी के आधार पर तीन भागों में विभक्त करके सलाह जारी की है।
मंत्रालय ने साथ ही चिकित्सकों के परामर्श के बाद कुछ आयुर्वेदिक दवाएं लेने तथा योग को अपनाने की सलाह दी है। मंत्रालय ने कहा है कि व्यक्तिगत स्तर पर कोरोना संक्रमण मुक्त व्यक्तियों को मास्क का इस्तेमाल, हाथों की स्वच्छता, सांस संबंधी स्वच्छता और शारीरिक दूरी जैसे कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार का पालन करते रहना चाहिए। उन्हें अच्छी मात्रा पर गर्म पानी पीना चाहिए। गर्म पानी पीने से कोई दूसरी तकलीफ न हो तभी उन्हें इसका सेवन करना चाहिए।
उन्हें आयुष के योज्ञ चिकित्सक की सलाह पर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने वाली आयुष की दवायें जैसे आयुष क्वाथ, सम्शामणि वटी या गिलोय का पाउडर, अश्वगंथा या अश्वगंथा का पाउडर, आंवला या आंवला का पाउडर लेना चाहिए। अगर स्वास्थ्य थोड़ी बेहतर लगे तो घर के काम करने चाहिए लेकिन कार्यालय के काम उन्हें धीरे-धीरे की शुरु करना चाहिए। मंत्रालय ने सभी संक्रमणमुक्त मरीजों को हल्के व्यायाम करने की सलाह भी दी है।
मंत्रालय का कहना है कि अपनी सुविधा के अनुसार, वे योगासान, प्राणायम और ध्यान कर सकते हैं। इसके अलावा उन्हें चिकित्सक की सलाह पर श्वसन संबंधी व्यायाम भी करना चाहिए। वे सुबह और शाम में वॉकिंग भी कर सकते हैं।
कोरोना संक्रमण से निजात पाने व्यक्तियों को पोषकतत्वों से भरपूर तथा ताजा आहार लेने की सलाह दी गयी है। ऐसे व्यक्तियों को भरपूर नींद लेनी चाहिए तथा आराम करना चाहिए। चिकित्सक की सलाह के अनुसार नियमित दवायें लेनी चाहिए और अगर मरीज को हर प्रकार की औषधि चाहे वो एलोपैथी ले रहे हों या आयुष की दवायें ले रहे हों या दोनों एक साथ ले रहें, उसकी जानकारी अपने चिकित्सक को देनी चाहिए।
उन्हें अपना तापमान, ब्लड प्रेशर, शुगर, ऑक्सीजन स्तर आदि की जांच करनी चाहिए। अगर सूखी खांसी या गले में खराश की शिकायत बनी रहे तो नमक के पानी से गरारे करने चाहिए और चिकित्सक की सलाह पर मुलेठी पाउडर, रोज सुबह गर्म पानी के साथ एक चम्मच च्यवनप्राश लेना चाहिए। वे हल्दी मिला गर्म दूध भी सुबह-शाम ले सकते हैं। तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ, ऑक्सीन स्तर में कमी, सीने में दर्द और भ्रम की स्थिति महसूस हो तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
सामुदायिक स्तर पर कोरोना संक्रमण मुक्त व्यक्तियों को अपने अनुभवों को सोशल मीडिया आदि पर साझा करना चाहिए। उन्हें समुदाय आधारित स्वयं सहायता समूहों, सामाजिक संगठनों या योज्ञ पेशेवरों से अपनी रिकवरी और पुनर्वास के लिए सलाह लेनी चाहिए। उन्हें मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरत पड़ने पर योज्ञ पेशेवरों से संपर्क करना चाहिए। योग, ध्यान आदि के सामूहिक सत्र में हिस्सा लेना चाहिए।