रायपुर : चुनावी मिशन की कवायदों के बीच रमन सरकार का जोर अब परफार्मेंस पर होगा। कामकाज के आधार पर रैंकिंग के साथ लोक सुराज अभियान में सरकार का जोर होगा। वहीं इसी बहाने सभी विभागों में कामकाज की जमीनी स्थिति का भी आंकलन होगा। दरअसल, सरकार लोक सुराज के जरिए ही आम लोगों को अपनी परफार्मेंस रिपोर्ट देगी।
वहीं नई योजनाओं को नए सिरे से तत्काल क्रियान्वित करने पर भी सरकार का जोर होगा। मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री रमन सिंह ने खुद इसके लिए कमान संभाली है। लोक सुराज के पहले ही वे अब तक के कामकाज की समीक्षा कर रहे हैं।
वहीं फील्ड में वस्तुस्थिति से अवगत होने के बाद फिर से इसकी समीक्षा करेंगे। इसी दौरान कामकाज में तेजी लाने और क्रियान्वयन को लेकर कवायद होगी। हालांकि योजनाओं और घोषणाओं के क्रियान्वयन के लिए सरकार के पास कम समय होगा। आम लोगों को परफार्मेंस के साथ परिणाम भी देने की कोशिशें होगी।
राज्य शासन के स्तर पर नए वित्तीय वर्ष की शुरूआत के साथ ही बजट खर्च और सुशासन पर सरकार का ध्यान केन्द्रित होगा। माना जा रहा है योजनाओं की गति बढ़ाने के साथ अफसरों की रैंकिंग भी इसी आधार पर तय होगी। प्रदेश में मिशन की तैयारियों में जुटी सरकार इस बार पूरे डेढ़ दशक के कार्यकाल की उपलब्धियों के साथ विभिन्न वर्गों के लिए किए गए उपायों पर परफार्मेंस का डाटा तैयार कर सकती है। चुनावी मिशन में यह सत्ताधारी दल के लिए अहम हो सकता है।
कई योजनाओं में पहले ही देश भर में अव्वल आने के साथ मुख्यमंत्री रमन सिंह ने उन योजनाओं को लेकर अधिक गंभीरता दिखाई है। प्रशासनिक स्तर पर मंत्रालय से लेकर मैदानी विभागों में भी निचले स्तर पर सरकार की ओर से कवायदें हुई है। लोक सुराज अभियान के जरिए शिकायतों और समस्याओं को दूर करते हुए रिझाने का प्रशासनिक स्तर पर अंतिम प्रयास होगा।
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