कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि वर्ष 2019 में पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान जबरदस्त खुफिया विफलता के कारण शहीद हुए थे। वहीं, सीआरपीएफ के काफिले पर पुलवामा आत्मघाती हमले की बरसी पर सिंह के एक ट्वीट पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने मांग की कि कांग्रेस पार्टी के डीएनए की जांच की जाए।
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘ आज हम उन 40 सीआरपीएफ शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं जो पुलवामा में जबरदस्त खुफिया विफलता के कारण शहीद हो गए। मुझे उम्मीद है कि सभी शहीद परिवारों का उचित पुनर्वास किया गया है।’’ वर्ष 2019 में आज ही के दिन जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले में एक आत्मघाती हमलावर द्वारा अपने वाहन से टक्कर मारने के बाद 40 से अधिक सैनिकों ने सर्वोच्च बलिदान दिया। जवाबी हमले में, भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी शिविरों को निशाना बनाया।
चौहान ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि दिग्विजय जी की बुद्धि काम नहीं कर रही है, उसकी नाकामी है यह, वह देश की सेना का अपमान करते हैं। वह पाकिस्तान की भाषा बोलते हैं। वह सेना का मनोबल गिराने की कोशिश करते हैं।’’ इस मुद्दे पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी सांसद राहुल गांधी से जवाब मांगते हुए चौहान ने कहा कि यह पता लगाने के लिए जांच की जरूरत है कि दिग्विजय के दिमाग में देश के खिलाफ और सेना के खिलाफ बोलने का बीज डालता कौन है। उन्होंने कहा कि जांच कांग्रेस पार्टी के डीएनए की होना चाहिए….जो भारत जोड़ने के नाम पर पदयात्रा में भारत तोड़ने वालों के साथ घूमती है।
चौहान ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि कांग्रेस का एक नेता लगातार सेना की वीरता और देशभक्ति पर सवाल उठा रहा है और पाकिस्तान की भाषा बोल रहा है। यह पहली बार नहीं है जब राज्यसभा सदस्य और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पुलवामा हमले पर सवाल उठाया है। पिछले महीने जम्मू-कश्मीर में बोलते हुए सिंह ने आरोप लगाया था कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने आतंकी हमले के जवाब में वर्ष 2019 में ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ करने का कोई सबूत नहीं दिया। हालांकि, कांग्रेस और राहुल गांधी ने पिछले अवसर पर सिंह की टिप्पणी से खुद को दूर कर लिया था।