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पुणे पोर्शे केस: पुणे पोर्शे दुर्घटना मामले में पुणे की अदालत ने नाबालिग आरोपी के पिता को किशोर न्याय अधिनियम से संबंधित एक मामले में जमानत दे दी। पिछले महीने शहर में हुए इस हादसे में दो सॉफ्टवेयर पेशेवरों की मौत हो गई थी।
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दरअसल, इस मामले में अदालत ने पांच अन्य आरोपियों को भी जमानत दे दी। इनमें दो बार के मालिक और प्रबंधक भी शामिल हैं जिन्हें कथित तौर पर कम उम्र के व्यक्ति को शराब परोसने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
दरअसल यह पूरा मामला तब हुआ था जब शहर के कल्याणी नगर में 19 मई को मोटरसाइकिल को एक तेज रफ्तार पोर्श कार ने टक्कर मार दी थी। इस टक्कर में दो आईटी पेशेवरों की तब मौत हो गई थी । कार को कथित तौर पर नशे की हालत में एक किशोर चला रहा था। किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य एल एन दानवाड़े द्वारा सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखने सहित बहुत ही नरम शर्तों पर आरोपी को जमानत दिए जाने के बाद इस मामले को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश दिखा था।
पुलिस ने किशोर आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल तथा कोसी और क्लब ब्लैक बार के मालिक एवं स्टाफ सदस्यों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया था।यह मामला इसलिए भी गंभीर पाया गया। इस घटना के संबंध में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, पिता को यह पता होने के बावजूद कि उसके बेटे के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है, उसने उसे कार दे दी, जिससे उसकी जान खतरे में पड़ गई और उसने उसे पार्टी करने की इजाजत भी दे दी जबकि उसे पता था कि उसका बेटा शराब पीता है।
किशोर के पिता का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील प्रशांत पाटिल ने पुष्टि की कि अदालत ने शुक्रवार शाम उनके मुवक्किल को जमानत दे दी। कोसी रेस्तरां और क्लब ब्लैक के मैनेजर्स का प्रतिनिधित्व करने वाले एक अन्य वकील ने पुष्टि की कि अदालत ने उनके मुवक्किलों को भी जमानत दे दी है।
किशोर आरोपी के पिता और मां उसके रक्त नमूने में गड़बड़ी से संबंधित मामले में फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।इस मामले के अलावा, किशोर के पिता को अपने चालक के अपहरण और गलत तरीके से बंधक बनाने के आरोप में भी गिरफ्तार किया गया था।