संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है, ऐसे में केंद्र सरकार ने पंजाब और पश्चिम बंगाल की सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को लेकर जाहिर की गई चिंताओं पर कहा कि उनकी आशंकाएं निराधार है। राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि इन राज्यों की आशंकाओं के विपरीत सीमा पार से होने वाले अपराधों को राज्य के साथ मिलकर बेहतर और अधिक प्रभावी रूप से नियंत्रित किया जा सकेगा।
पहले यह दायरा 15 किलोमीटर था
ज्ञात हो कि केंद्र सरकार ने अक्टूबर महीने में बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने का फैसला किया था। इसके तहत असम, पंजाब और पश्चिम बंगाल में सीमा से 50 किलोमीटर भीतर तक के दायरे में बीएसएफ काम करेगी। पहले यह दायरा 15 किलोमीटर था।
बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में वृद्धि संघीय व्यवस्था का उल्लंघन नहीं है
राय ने कहा, ‘‘पंजाब सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार ने आशंका व्यक्त की है कि इस प्रकार के कदम से राज्य सरकार की शक्तियों का अतिक्रमण हो सकता है। उनकी आशंका निराधार है। बीएसएफ के प्रादेशिक अधिकार क्षेत्र में विस्तार के परिणामस्वरूप सीमा पार से होने वाले अपराधों को राज्य के साथ मिलकर, उनके सहयोग से बेहतर और अधिक प्रभावी रूप से नियंत्रित किया जा सकेगा।’’ एक अन्य सवाल के जवाब में राय ने कहा कि बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में वृद्धि संघीय व्यवस्था का उल्लंघन नहीं है।
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राज्य सरकार के कानून और व्यवस्था की शक्तियों में प्रत्यक्ष हस्तक्षेप और संघीय व्यवस्था का उल्लंघन नहीं है?
उनसे पूछा गया था कि सीमा सुरक्षा बल के अधिकार क्षेत्र को संशोधित करना पश्चिम बंगाल के 88, 752 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में से 32400 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र से अधिक क्षेत्र पर केंद्र की सशस्त्र शक्ति लागू करने का खुला प्रयास है और क्या यह राज्य सरकार के कानून और व्यवस्था की शक्तियों में प्रत्यक्ष हस्तक्षेप और संघीय व्यवस्था का उल्लंघन नहीं है? इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘जी नहीं।’’
बीएसएफ को सीमा रक्षा संबंधी अपने दायित्व को अधिक प्रभावी ढंग से निभाने में समर्थ बनाना है
उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में विस्तार करने का उद्देश्य राष्ट्र विरोधी ताकतों द्वारा हथियारों, नशीले पदार्थो और जाली भारतीय करेंसी नोटों की निगरानी और तस्करी के लिए इस्तेमाल किए जा रहे लंबी रेंज वाले दूर से संचालित ड्रोन और मानवरहित एरियल व्हीकल (यूएवी) आदि जैसी प्रौद्योगिकी के उपयोग के मद्देनजर बीएसएफ को सीमा रक्षा संबंधी अपने दायित्व को अधिक प्रभावी ढंग से निभाने में समर्थ बनाना है। उन्होंने कहा कि इससे पशु तस्करी के खतरे को रोकने में मदद मिलेगी क्योंकि तस्कर बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र से बाहर वाले आंतरिक इलाकों में शरण ले लेते हैं।