पंजाब के राजनीतिक घमासान को सुलझाते हुए सूबे को नया मुख्यमंत्री दिया गया, ताकि पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चली आ रही आंतरिक कलह समाप्त हो सकें। लेकिन इससे इतर, पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही चरणजीत सिंह चन्नी नए विवाद में घिर गए हैं। 2018 में 'मी टू मूवमेंट' के दौरान महिला आईएएस अधिकारी को अश्लील मैसेज भेजने का आरोप झेल चुके चन्नी को राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने चन्नी को महिला सुरक्षा के लिए खतरा बताया है।
उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई की एक महिला की अगुआई वाली पार्टी ने चन्नी को पंजाब का सीएम बनाया है। रेखा शर्मा ने कहा, ''2018 के मी टू मूवमेंट के दौरान उनके (पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी) खिलाफ आरोप लगाए गए थे। राज्य महिला आयोग ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया और अध्यक्ष उन्हें हटाने की मांग को लेकर धरने पर बैठीं, लेकिन कुछ नहीं हुआ।'' चन्नी तब अमरिंदर सरकार में मंत्री थे।
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शर्मा ने आगे कहा, ''आज उन्हें पंजाब का मुख्यमंत्री उस पार्टी की ओर से बनाया गया है, जिसकी प्रमुख एक महिला हैं। यह धोखा है। वह महिला सुरक्षा के लिए खतरा हैं। उनके खिलाफ जांच होनी चाहिए। वह मुख्यमंत्री बनने लायक नहीं हैं। मैं सोनिया गांधी (कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष) से अपील करती हूं कि उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाया जाए।
आपको बता दें कि साल 2018 में एक महिला आईएएस अधिकारी ने आरोप लगाया था कि चरणजीत सिंह चन्नी ने उन्हें अश्लील मैसेज बेजे थे। इसके बाद पंजाब महिला आयोग की अध्यक्ष मनीषा गुलाटी ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगते हुए कार्रवाई करने को कहा था। चन्नी उस समय पंजाब के तकनीकी शिक्षा मंत्री थे। चन्नी के सीएम बनने के बाद एक बार फिर कई लोग इस मुद्दे को उठा रहे हैं।
